Forest Fire: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में वन विभाग जंगलों में लगने वाली आग को लेकर सख्त हो गया है, विभाग ने इस साल अब तक जंगलों में लगी आग के मामले में कुल 19 केस दर्ज किए हैं। इनमें से तीन केस में वन विभाग ने तीन आरोपितों को रंगे हाथों पकड़ा है, बाकी 16 मामलों में जांच कर आरोपितों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
रुद्रप्रयाग वन विभाग जंगलों में लगने वाली आग को रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। विभाग ने लगी आग को तुरंत बुझाने के लिए अलग-अलग टीमें बनाईं हैं। वन विभाग ने शुक्रवार को जिन तीन आरोपितों को जंगल में आग लगाते पकड़ा है, उसमें एक नाम नरेश भट्ट का है, जिसे जखोली तहसील के तडियाल गांव से पकड़ा गया है। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि बकरियों को नई घास मिल सके, इसलिए उसने जंगल में आग लगाई थी।
जखोली तहसील के ही डंगवाल गांव से दो और आरोपितों को जंगल में आग लगाते पकड़ा गया है, जिनका नाम हेमंत सिंह और भगवती लाल है। रुद्रप्रयाग के जिला वन अधिकारी (डीएफओ) अभिमन्यु ने बताया कि जंगलों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों की पहचान करने के लिए पुलिस के सूचना तंत्र, ग्राम प्रहरी और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के इंटेलिजेंस नेटवर्क का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसके अलावा जंगल आग को रोकने के लिए उड़न दस्ते भी बनाए गए हैं। साथ ही सभी रेंज में सैटेलाइट, कैमरों और दूरबीन से भी नजर रखी जा रही है। जिला वन अधिकारी का कहना है कि “इस वन अग्नि सत्र में हमने कुल 19 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें कुछ तो अज्ञात हैं, परंतु तीन जो ऐसे केस हैं, जिसमें हमने रंगे हाथों अभियुक्तों को पकड़ा है और उनको जेल भेजने की कार्रवाई कर रहे हैं और वन अधिनियम के तहत जो है वैधानिक कार्रवाई भी की जा रही है। इसके साथ-साथ हमने पुलिस विभाग का भी सहयोग लेने का प्रयास किया है, जिसमें उनके गोपनीय सूचना तंत्र की मदद से जो ऐसे शरारतीय तत्व हैं, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही जो हमारे ग्राम स्तर पर जो हमारा इंटेलिजेंस नेटवर्क होता है, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का होता है और ग्राम प्रहरी होते हैं, उनका भी सहयोग लेने का प्रयास किया जा रहा है।”