देवभूमि में पहली बार बन रही महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार, महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक,राजनीति उन्नयन पर विशेष जोर

नमिता बिष्ट

देवभूमि उत्तराखंड में पहली बार बनने जा रही महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। केंद्र सरकार की महिला सशक्तीकरण नीति को केंद्र में रखकर तैयार किए गए ड्राफ्ट में राज्य की महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उन्नयन पर विशेष जोर दिया गया है।

नीतियां, योजनाएं महिला केंद्रित हों

बता दें कि प्रदेश में राज्याधीन सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के बाद अब सरकार महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। जिसको लेकर राज्य महिला आयोग ने नीति का प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि विभिन्न विभागों की नीतियां और योजनाएं महिला केंद्रित हों और इनमें भी पहाड़ की महिलाओं को खासतौर पर केंद्र में रखा जाना चाहिए।

पहाड़ की महिलाओं के सामने पहाड़ जैसी चुनौतियां

बता दें कि पहाड़ की महिलाओं के सामने पहाड़ जैसी चुनौतियां हैं। महिला नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट के मुताबिक महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता, संपत्ति का अधिकार, निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी और महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा के आंकड़ों से स्पष्ट है कि महिलाओं के सर्वांगीण विकास में यह सब चुनौतियां हैं।

गहन मंथन के बाद कैबिनेट में रखा जाएगा ड्राफ्ट

ड्राफ्ट में शामिल बिंदुओं को लेकर अब विभागों से मत मांगा गया है। इसी क्रम में शासन स्तर पर 8 दिसंबर को सभी विभागों की बैठक बुलाई गई है। गहन मंथन के बाद महिला नीति के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देकर कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।

ये हैं प्रारंभिक ड्राफ्ट की मुख्य बातें

महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए एक अनुकूल सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक वातावरण का निर्माण.

शासन और निर्णय लेने वाले विविध संस्थानों सहित सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में समान भागीदारी.

सार्वभौमिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए महिलाओं की पहुंच में सुधार और प्रोत्साहन.

सशक्त नीतियों, कानूनों, कार्यक्रमों, संस्थाओं और सामुदायिक सहभागिता से सभी प्रकार की हिंसा का उन्मूलन.

लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए निगरानी, मूल्यांकन और डाटा सिस्टम का सशक्तीकरण.

महिलाओं और बालिकाओं की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के समाधान के लिए प्रभावी कदम.

राज्य में महिलाओं की स्थिति

उत्तराखंड राज्य के निर्माण से लेकर उसके विकास में मातृशक्ति की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। इसीलिए राज्य की महिलाओं को यहां रीढ़ कहा जाता है। बता दें कि राज्य में महिलाओं की संख्या साल 2011 की जनगणना के अनुसार 49.48 लाख है। जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 70.01 प्रतिशत है।

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