Dehradun: उत्तराखंड विधानसभा सत्र में आज समान नागरिक संहिता बिल पेश किया गया, जिसमें सभी के लिए सभी धर्मों के लिए समान कानून का प्रावधान है।
ऐसे में समान नागरिक संहिता बिल में लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी कर दिया गया है। ऐसा न होने पर लड़का और लड़की दोनों के खिलाफ ही कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।
बिल में लड़का और लडकियों दोनों को ही विरासत में बराबर का अधिकार देने का प्रस्ताव है, गोद लिए हुए बच्चों या सरोगेसी द्वारा जन्मे बच्चों में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा, उन्हें अन्य की भांति ही जैविक संतान माना जाएगा।
महिला और पुरुष के बीच विवाह तभी हो सकता है जब विवाह के समय दूल्हे या दुल्हन की पहले से कोई जिंदा पति या पत्नी न हो, किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी व बच्चों को समान अधिकार दिया गया है। इसके साथ मृतक के माता-पिता को भी उसकी संपत्ति में समान अधिकार दिए गए है।
मुस्लिम समुदाय के भीतर हलाला पर रोक लगाने का प्रस्ताव बिल में रखा गया है, यूसीसी बिल में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को आसान करने का प्रस्ताव रखा गया है। उत्तराखंड की 4% जनजातियों को कानून से बाहर रखने का प्रावधान किया गया है, तो शादी को लेकर लड़की की आयु 18 ओर लड़के की आयु 21 वर्ष रखा गया है।