Dehradun: उत्तराखंड के देहरादून में सेंट्रल ब्रेल प्रेस की स्थापना भारत सरकार ने 1951 में की थी, यहां पर दृष्टिबाधित लोगों के लिए ब्रेल लिपि में किताबें छापी जाती हैं, इस प्रेस में कई प्रकार की किताबें छापी जाती हैं। इनमें स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकें, पत्रिकाएं और धार्मिक ग्रंथ शामिल हैं।
सेंट्रल ब्रेल प्रेस चुनाव के लिए ब्रेल लिपि में बैलेट पेपर भी छापता है, प्रेस में काम करने वाले प्रूफरीडर और डेटा एंट्री ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें अपने काम में ज्यादा सावधानी बरतनी होती है क्योंकि उनकी छोटी सी गलती बहुत भारी पड़़ सकती है। इस प्रेस में छपे मतपत्र नेत्रहीन मतदाताओं के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, कोई भी दृष्टिबाधित वोटर इन खास बेलेट पेपर के जरिए चुनवा के बारे में पूरी जानकारी ले सकता है, देहरादून के+ ब्रेल प्रेस फिलहाल में छह राज्यों के लिए स्पेशल बैलेट पेपर छापता है।
सेंट्रल ब्रेल प्रेस के कॉपी हॉल्डर का कहना है कि “हमारे यहां पर छह राज्यों से बैलेट पेपर के लिए आते हैं जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब हैं। हमें नॉमिनेशन होने के बाद बैलेट पेपर उपलब्ध हो जाते हैं उसके बाद हम प्रोसेस करते हैं। जैसे डिमांड होती उसके हिसाब से हम उसको पूरा कर देते हैं।”
डाटा एंट्री ऑपरेटर शुभम सिंह ने बताया कि “लगभग चुनाव में हमें पांच से छह राज्यों का काम आता है जिसमें हम लोग ब्रेल डमी बैलेट पेपर का काम करते हैं और वोटर आईडी कार्ड को भी हम बनाते हैं और वोटर गाइड इस तरह से हम लोग चुनाव में काम करते हैं। चुनाव के समय हमारा स्टाफ इसमें काफी व्यस्त हो जाता है क्योंकि ये जिम्मेदारी वाला काम है। तो छुट्टी में भी हमारे कर्मचारियों को यहां पर काम करना पड़ जाता है।”