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रिपोर्ट – चंदन बंगारी
रुद्रपुर. गदरपुर में ढाई साल की मासूम बच्ची के अपहरण की गुत्थी पुलिस के गले की फांस बनी हुई थी, आखिरकार सुलझा लिया गया. बच्ची को राजस्थान से बरामद कर लिया गया. पुलिस ने खुलासा किया कि अपहरण का केस झूठा था और इस मामले में कोई आरोपी न होने की वजह से कोई गिरफ्तारी नहीं हुई बच्ची की मां ने ही अपने प्रेमी को बच्ची को सौंप दिया था क्योंकि बच्ची का असल पिता कथित तौर पर वह ही था. पुलिस ने अपहरण की शिकायत दर्ज करवाने वाली महिला का ही पुलिस एक्ट में चालान कर दिया है. इस मामले को लेकर नगर में खूब चर्चा है.
गदरपुर के ग्राम राजपुरा नम्बर 1 की निवासी सरनजीत कौर 17 दिसम्बर को अपनी ढाई साल की बच्ची परी को टीका लगवाने गदरपुर गई थी. उसने पुलिस में शिकायत की थी कि लौटते समय ई रिक्शे के इंतज़ार के दौरान एक अज्ञात युवक उसकी बच्ची को छीनकर भाग गया. बच्ची के अपहरण की सूचना से पुलिस के हाथ पांव फूल गए थे. इसके बाद किसी किस्म की फिरौती की कोई मांग नहीं हुई. पुलिस ने सरनजीत को घटनास्थल पर ले जाकर आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. फुटेजों में सफेद कुर्ता पायजामा व मास्क पहने एक व्यक्ति दिखा. सरनजीत ने इसी को आरोपी बताया लेकिन सच कुछ और था.
अपहरण का केस झूठा था क्योंकि…
पुलिस ने और फुटेज खंगाले तो बाजार में सरनजीत इस आरोपी के साथ घूमती और रेस्टोरेन्ट में खाना खाते दिखी. बताए गए घटनास्थल के आसपास लोगों ने अपहरण जैसी घटना से भी इनकार किया. शक हुआ तो पुलिस ने सख्ती से सरनजीत से पूछताछ की और उसने सच उगल दिया. सरनजीत ने बताया कि उसकी शादी सतविन्दर सिंह के साथ 2015 में हुई थी. सतविंदर पहले ससुराल ग्राम मुबारिकपुर, जिला अलवर, राजस्थान में रहता था, लेकिन 2017-18 में आपसी विवाद के बाद अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर गदरपुर में रहने लगा था.

तब सरनजीत का अपने गांव के ही टीटू के साथ प्रेम प्रसंग हुआ और सरनजीत के बेटी हुई थी. एक महीने पहले ही सतविंदर सुलह के बाद सरनजीत व बच्चों को गदरपुर ले आया. प्रेमी टीटू अपनी बेटी को वापस करने के लिए सरनजीत पर दबाव बना रहा था. सरनजीत ने पुलिस को बताया कि 17 दिसम्बर को टीटू गदरपुर आया था, तब उसने अपनी बेटी परी को सहमति से टीटू के सुपुर्द किया था. परी को लेकर टीटू अलवर चला गया था. सरनजीत के मुताबिक लोकलाज के डर से उसने अपहरण की कहानी गढ़ी.
गदरपुर के प्रभारी निरीक्षक बिजेंद्र शाह ने बताया कि इस खुलासे के बाद पुलिस ने राजस्थान जाकर बच्ची को बरामद किया. चूंकि मामले में किसी ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं करवाया, महिला के पति ने भी तहरीर नहीं दी इसलिए बच्ची तो सरनजीत को सौंप दी गई, लेकिन उस पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी किया गया. एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने पुलिस टीम को 2500 रुपये का इनाम देने की घोषणा की.
आपके शहर से (ऊधमसिंह नगर)
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