सहकारिता विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमले तेज कर दिये हैं। इस मामले में कांग्रेस लगातार सरकार को घर रही है। उधर, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने मामले में सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत से इस्तीफे की मांग की है। अल्मोड़ा में प्रेस वार्ता के दौरान राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने सहकारी बैंकों में भर्ती के नाम पर हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के पद में रहते हुए निष्पक्ष जांच असंभव है। कोई भी अधिकारी अपने मुखिया के खिलाफ निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता है।
क्या था मामला
प्रदेश में सहकारिता विभाग की ओर से जिला सहकारी बैंक में सिक्योरिटी गार्ड के पद पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की गई। प्रदेशभर के जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के चार सौ पदों पर भर्ती की जानी थी। सहकारिता विभाग की ओर से इसमें भर्ती में अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद हरिद्वार डीसीबी में पहले ही रोक लगाई जा चुकी थी, जबकि नौ डीसीबी में से तीन जिलों देहरादून, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ ने रिजल्ट भी जारी कर दिया था, लेकिन अब इन जिलों में चुने गए कार्मियों के योगदान ग्रहण करने पर भी रोक लगा दी गई है। कुछ माह बाद फिर दोबारा सहकारिता विभाग की ओर से भर्ती प्रक्रिया को खोला गया। इसमें जिले में सिक्योरिटी गार्ड के 48 पदों पर भर्ती खोली गई थी।
वहीं अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे की बदहाली पर राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रदीप टम्टा ने कहा कि बीते 5 सालों से अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे बदहाल पड़ा है। राज्य सरकार हाइवे की सुध नहीं ले रही है। बता दें कि वर्ष 2021 में भारत सरकार द्वारा अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे के सुधारीकरण के लिए कुल 45 करोड़ रुपये जारी किये गए थे। लेकिन विभाग द्वारा यहां धीमी गति से कार्य किया जा रहा है। जिस कारण वर्तमान तक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है।