चारधाम यात्रा 2022: 3 मई अक्षय तृतीया पर खुलेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

चार धामों में पहले धाम यमुनोत्री के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए मंगलवार 3 मई अक्षय तृतीया (अखा तीज) को 12:15 पर शुभ मुहूर्त कर्क लग्न रोहिणी नक्षत्र अभिजीत मुहूर्त अमृत बेला पर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इसी दिन सुबह मां यमुना की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ खरसाली से यमुनोत्री धाम ले जाया जाएगा। बृहस्पतिवार को यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि एवं मुहूर्त तीर्थ पुरोहितों ने तय किया।

यमुनोत्री धाम से होती है चारधाम यात्रा की शुरुआत
देवभूमि उत्तराखंड में मौजूद यमुनोत्री धाम धरती से 3,225 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। खास बात ये कि अगर कोई चारधाम की यात्रा करना चाहता है तो उसे इसकी शुरुआती यमुनोत्री धाम से ही करनी होती है। मां यमुना का मंदिर विशेष आस्था का प्रतीक है। शास्त्रों में इस धाम को मां यमुना का निवास स्थान कहा जाता है। ब्रह्मांड पुराण के मुताबिक यहां यमुना की शुरुआत होती है और आगे विस्तार होता जाता है।
माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से ही की थी। जिसके बाद वो गंगोत्री और केदारनाथ होते हुए बद्रीनाथ धाम पहुंचे थे। यही कारण है कि यमुनोत्री से ही चारधामों की यात्रा का शुभारंभ किया जाता रहा है।
यमुनोत्री मंदिर के प्रांगण में विशाल स्तंभ स्थापित है। जिसे दिव्यशिला कहा जाता है। यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालु जानकी चट्टी तक वाहन से पहुंच सकते हैं। जिसके बाद मंदिर सिर्फ पांच किलोमीटर की दूरी पर रह जाता है। यहां से श्रद्धालु पैदल यात्रा कर मंदिर के प्रांगण तक पहुंचते हैं।
ऋषिकेश से यमुनोत्री 200 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। माता यमुना के मंदिर को टिहरी गढवाल के महाराजा प्रताप शाह ने बनवाया था। हर साल दीपावली के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। जिसके बाद अक्षय तृतीया के मौके पर मंदिर को दर्शनों के लिए खोला जाता है।

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