एडवेंथ्रिल एडवेंचर टीम ने फतह किया कालानाग पीक

ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के लिए एडवेंथ्रिल एडवेंचर टीम ने उत्तरकाशी में 6387 मीटर ऊंची चोटी कालानाग शिखर को फतह किया है। टीम का अगला मिशन माउंट एवरेस्ट फतह करना है। उससे पहले टीम एवरेस्ट पर चढ़ाई करने से पहले एवरेस्ट के समकक्ष छोटे पर्वतों पर चढ़ाई कर रहे हैं। बता दें कि एडवेंथ्रिल उत्तराखंड स्थित एक आउटडोर एडवेंचर कम्युनिटी है, जो हिमालयन क्षेत्र के युवाओं के लिए आत्मनिर्भर के लिए विगत 6 सालों से लगातार प्रयासरत है।

 

कालानाग पीक पर खराब मौसम में की चढ़ाई

उत्तरकाशी जनपद में सरस्वती पर्वत श्रंखला में सबसे ऊंची चोटी कालानाग शिखर जिसकी ऊंचाई 6387 मीटर है। उसे एडवेंथ्रिल एडवेंचर ने खराब मौसम के चलते भी फतह कर लिया है। बता दें कि मिशन एवरेस्ट 2024 के तहत की गई कालानाग चोटी कालानाग शिखर पर यह चढ़ाई एडवेंथ्रिल की 4 सदस्यीय टीम ने 8 दिन में पूरी की। ये चढ़ाई अल्पाइन तकनीक द्वारा पूरी की गई। टीम का नेतृत्व एडवेंथ्रिल के फाउंडर विजय प्रताप सिंह ने किया। अभियान में अन्य माउंटेनीयर रघु बिष्ट, मनोज राणा, सागर कुम्भारे और वेदांत रस्तोगी ने अदम्य साहस का परिचय दिया।

 

क्या होती है ऑटिज्म की बीमारी

ऑटिज्म बच्चों में पाए जाने वाला ऐसा डिसऑर्डर है, जिसकी मौजूदगी से बच्चा सामान्य बच्चों से कम सक्रिय होता है। साथ ही ऑटिज्म से ग्रसित बच्चा सामान्य बच्चों की तुलना में बेहद धीमी गति से प्रतिक्रिया देता है। कभी कभी बच्चा एक ही तरह की प्रतिक्रिया कई बार देता रहता है। यह एक तरह की जिकल एफिशिएंसी है। अमूमन इस तरह के बच्चे हमारे समाज में देखे जाते हैं। वहीं पर्वतारोही विजय का कहना है कि उसके परिवार में भी ऑटिज्म से ग्रसित एक बच्चा है। पिछले लंबे समय से वह अपने भतीजे को इस समस्या से जूझते हुए देख रहे हैं।

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