Varanasi: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ज्ञानवापी परिसर पर सीलबंद लिफाफे में सर्वे रिपोर्ट पेश की है। इसकी सुनवाई गुरुवार को जिला अदालत में होगी। एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर में कराए गए सर्वे की 1500 पेज की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है।
हिंदू पक्ष की आपत्ति पर कोर्ट में सुनवाई होगी। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बुधवार को कहा कि वाराणसी में जहां अब ज्ञानवापी मस्जिद है, उस मंदिर के “पुनर्स्थापन” की मांग करने वाले 1991 के मुकदमे की स्थिरता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को इलाहाबाद कोर्ट के खारिज किए जाने के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंदिर की “पुनर्स्थापना” की मांग करने वाले 1991 के मुकदमे को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया जहां ज्ञानवापी मस्जिद है, यह भी कहा गया है कि विवादित जगह का “धार्मिक चरित्र” बस अदालत तय कर सकती है।
हिंदू पक्ष वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है कि “देखिये आज एक बहुत बड़ी सुनवाई है या कहा जाए कि ये जो पूरा मुक़दमा है ज्ञानवापी से संबंधित इस मुक़दमे का आज बुनियाद पड़ने जा रहा है। एएसआई ने अपनी रिपोर्ट तो दाखिल कर दिया है, लेकिन सीलबंद लिफाफे में एएसआई ने अपनी रिपोर्ट को दाखिल किया है। मुस्लिम पक्ष ने भी एक प्रार्थना पत्र दिया था कि ये सीलबंद ही एएसआई दाखिल कर और तब तक इस को डिस्क्लोज ना किया जाए यानि की पब्लिक डोमेन में ना दिया जाए जब तक की इस रिपोर्ट का निस्तारण न हो जाए।”
उन्होंने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश की कोई भी सर्वे रिपोर्ट एएसआई से संबंधित उसको जो है सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया जाए और इस को आप पब्लिक डोमेन मे जाने से रोक नहीं सकते। ऐसा भाई हम लोगों ने रखा। ये दोनो पक्ष की सुनवाई हो चुकी है 18 तारीख को। 21 तारीख को पुनः इस पर दोनों पक्ष की सुनवाई माननीय कोर्ट द्वारा की जाएगी और आज सुनवाई के बाद आज उनको फैसला लेना है ये सीलबंद लिफाफे में ही एक्सेप्ट करेगा कोर्ट या खुला रिपोर्ट एक्सेप्ट करेगा इस पर आज ये फैसला लेंगे और सुनवाई करेंगे।