Uttar Pradesh: चित्रकूट में लकड़ी खिलौना उद्योग को जिंदा रखने की कोशिश जारी

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में चित्रकूट के लकड़ी के खिलौनों की विरासत 400 साल से ज्यादा पुरानी है, कई पीढ़ियां इन खिलौनों की दीवानी रही हैं। यह उद्योग कभी लकड़ी के खिलौने बनाने वाले हजारों कारीगरों के साथ फला-फूला था। लेकिन अब ये बने रहने के लिए संघर्ष कर रहा है। मुश्किल से 20-25 परिवार ही इस शिल्प से जुड़े हैं।

शिल्पकार का कहना है कि “इस काम में बहुत से लोग कम हो गए थे, छोड़ के जा चुके थे अब गवर्नमेंट ने जब से ये गवर्नमेंट आई है उत्तर प्रदेश में और केंद्र सरकार में स्वयं दृष्टिकोण लाई है। चित्रकूट लकड़ी खिलौनों का सिलेक्शन हुआ तब से बहुत सारे लोग इसमें वापस आना चाह रहे हैं।

Uttar Pradesh:  Uttar Pradesh: 

उनका कहना है कि हमारा व्यापार बहुत बड़ा कारण है, चाइना जो है मनमानी चीजें ऐसी चीजें बनाकर बेच रहा है सांप, कही बिच्छू कहीं कुछ ये तो हमारे मशीन में बनता नहीं फिर भी चाइना से बहुत कुछ आने लगा है तो हम लोगों की माल की सप्लाई बहुत कम हो गई है।” इसके साथ ही लकड़ी के खिलौनों की जगह सस्ते नायलॉन, प्लास्टिक और फाइबर के खिलौनों ने ले ली है तो बाजारों में चीन से लाए गए खिलौनों की भी बाढ़ है।

बता दें कि राज्य सरकार ‘एक जिला एक उत्पाद’ यानी ओडीओपी योजना के तहत यहां बने लकड़ी के खिलौनों को की कला को सहारा देने की कोशिश कर रही है, सरकार ओडीओपी योजना के तहत हर जिले में एक खास उत्पाद को आर्थिक मदद देती है, जिसे उसके आसपास के ईको सिस्टम को मजबूत किया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *