Uttar Pradesh: कानून व्यवस्था और नई तकनीक से गन्ना उद्योग की बदली तस्वीर

Uttar Pradesh: एक समय बदहाली से जूझ रहा यूपी का गन्ना उद्योग अब फल-फूल रहा है, बीजेपी सरकार आने के बाद कानून व्यवस्था में बदलाव आया है और गन्ना उद्योग में नई तकनीक का भी इस्तेमाल हो रहा है।

ऑटोमेटिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित क्रांतिकारी “पर्ची” प्रणाली ने गन्ने की खरीद में क्रांति ला दी है।

किसान डेटा और बुआई विवरण का फायदा उठाते हुए सिस्टम खुद ही डिलीवरी स्लॉट आवंटित करता है। इससे किसानों का गन्ना समय पर पहुंच जाता है। साथ ही इससे गन्ना आपूर्तिकर्ताओं को एक हफ्ते के अंदर बकाया भुगतान की सुविधा मिल जाती है।

किसानों को और मजबूत बनाने के लिए बलरामपुर चीनी मिल्स के इनोवेटिव ऐप्स उपयोगी हैं, जो गन्ने की खेती को बढ़ाने के लिए जानकारी और उपकरण देते हैं।

ऑन-फील्ड सहायता और “बलराम ऐप” जैसे मोबाइल ऐप से किसानों को शिक्षा, रियल टाइम गाइडेंस और जरूरी सेवाओं मिलती है, जिससे वे ज्यादा उपज ले सकते हैं और अपनी कमाई बढा सकते हैं।

बलरामपुर चीनी की प्रमोटर और लीड बिजनेस (न्यू इनिशिएटिव्स) अवंतिका सरावगी ने कहा कि तकनीक और बेहतर कानून व्यवस्था ने बलरामपुर चीनी को दूबारा सुचारू रूप से चलाने में मद

गन्ना किसानों ने इस प्रगति की सराहना की है। कठुआ गांव के किसान बप्पन तिवारी ने समय पर भुगतान और कृषि के लिए बलरामपुर चीनी मिल्स की तारीफ की।

वहीं किसान रमेश चतुर्वेदी ने समय पर भुगतान की अहमियत पर जोर देते हुए ऑटोमेटिक पर्ची सिस्टम की तारीफ की।

कारोबारियों का कहना है कि ”जब से उत्तर प्रदेश में ये सरकार (बीजेपी) सत्ता में आई है तब से व्यापार करने में आसानी काफी बढ़ गई है। मैं बस एक और किस्सा बताना चाहताी हूं, जब मैं छोटी बच्ची थी तो पहले कभी भी मुझे शाम होने के बाद एक फैक्ट्री से दूसरी फैक्ट्री या लखनऊ से फैक्ट्री तक जाने की इजाजत नहीं थी। लोग इसे असुरक्षित मानते थे, लेकिन अब मैं देर रात की मीटिंग और डिनर खत्म करके लखनऊ वापस आ जाती हूं और इसके बारे में सोचना नहीं पड़ता। ये सब इस सरकार (बीजेपी) की वजह से है।”

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