Uttar Pradesh: शिव की नगरी उत्तर प्रदेश में वाराणसी के एक अनोखे मंदिर में देवी दुर्गा की प्रतिमा को 256 साल पहले दुर्गा पूजा उत्सव के लिए स्थापित किया गया था। किवदंती के अनुसार उसे अभी तक विसर्जित नहीं किया गया है।
मान्यता है कि मां दुर्गा ने खुद भगवान शिव के पवित्र शहर को नहीं छोड़ने की इच्छा जताई थी, देवी दुर्गा की 256 साल पुरानी मूर्ति के अलावा मंदिर में काले पत्थर से बनी भगवान विष्णु की 11वीं सदी की मूर्ति भी है।
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मंदिर की देखरेख करने वालो का कहना है कि “1767 में यहां दुर्गा पूजा के दौरान मां दुर्गा की पूजा की जाती थी। लोगों ने विसर्जन के लिए मूर्ति उठाने की कोशिश की लेकिन नहीं उठा सके। बाद में मां दुर्गा घर के मुखिया के सपने में आईं और उनसे कहा कि वो यहां से जाना नहीं चाहती। वो काशी में रहना चाहती थीं और कहती थीं कि मूर्ति मत उठाओ। उन्होंने कहा कि प्रसाद के लिए उन्हें सिर्फ गुड़ चना चाहिए और वो इससे खुश होंगी। मूर्ति मिट्टी, बांस, पुआल, धागों से बनी है। इसके अलावा और कुछ नहीं है।”