UP News: होली का त्योहार नजदीक आने के साथ ही आने वाले दिनों में गुलाल की मांग बढ़ने की उम्मीद है, इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में महिलाएं ऑर्गेनिक गुलाल और रंग तैयार कर रही हैं। इसमें कोई केमिकल नहीं मिलाया गया है ताकि लोग सुरक्षित तरीके से होली खेल सकें।
इन ऑर्गेनिक रंगों को बनाने में सब्जियों और मसालों जैसे नेचुरल प्रोडक्टों का इस्तेमाल किया जाता है, महिलाओं के मुताबिक इन गुलाल के 1000 से ज्यादा पैकेट बेच चुकी हैं। उन्हें उम्मीद है कि होली के त्योहार से पहले लगभग 15,000 पैकेटों की बिक्री हो जाएगी, यह रंग और गुलाल केमिकल फ्री होते हैं इसलिए स्किन पर इनका कोई असर नहीं पड़ता है, होली खेलने के बाद बचे रंग और गुलाल को फेस मास्क के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
लोगों का कहना है कि “यह गुलाल बिना कैमिकल के हैं। जैसे पालक है, चुकंदर है फलों और सब्जियों द्वारा निर्मित हैं। हम पहले अरारोट लाते हैं फिर उसमें पालक का रस उसमें मतलब पहले पालक को साफ कर लेते हैं फिर उसमें फीसते हैं मिक्सी से फिर उसके बाद कपड़े से छान कर उसका रस मिलाते हैं, सभी महिलाएं 15 से 14 महिलाएं सभी महिलाएं उसको पहले वो करती हैं फिर उसके बाद उसमें सेंट डाला जाता है फिर उसमें हम लोग दो दिन के लिए उसको धूप में रखते हैं। फिर उसके बाद हम पैकिंग करते हैं, पैकिंग करने के बाद हम मार्केटिंग करते हैं।”
इसके साथ ही कहा कि “जो गुलाल हम लोगों का बचता है जैसे हल्दी वाला है उसको बचता है तो चेहरे पर कोई नुकसान भी नहीं करता है और जो बचता है गुलाल उसको हम फेसपैक के रूप में भी हम लगता सकते हैं गुलाब जल मिलाकर। उसमें कोई केमिकल नहीं है, कोई दिक्कत नहीं आती।”