Prayagraj: संगम नगरी प्रयागराज में 32वें राष्ट्रीय शिल्प मेले का आगाज हो गया है। आगाज इतना खूबसूरत रहा कि कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रयागराज के सांस्कृतिक केंद्र परिसर में 32वें राष्ट्रीय शिल्प मेले की भव्य शुरूआत हुई। शोभा यात्रा में पौराणिक और लोक कथाओं के पात्रों को कलाकारों ने अपने खूबसूरत अंदाज में दिखाया।
देश भर से आए कलाकारों ने भी मेले की शोभा यात्रा में शामिल होकर शहर में घूमते हुए अपनी क्षेत्रीय वेशभूषा, शिल्प और लोक नृत्यों का शानदार प्रदर्शन किया।
कई कलाकारों ने अपनी प्रतिभा और विरासत को मंच मुहैया कराने के लिए सरकार का आभार जताया, संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित इस मेले का मकसद देशभर की विविध कलाओं, शिल्पों और लोक परंपराओं को एक साथ लाना है।
‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत आयोजित होने वाला ये राष्ट्रीय शिल्प मेला एक से 10 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें आने वाले लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत और विविधता का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
बुंदेलखंड की कलाकार राधा प्रजापति ने कहा कि “बहुत ही भव्य आयोजन होने जा रहा है प्रयागराज में, जो कि एनसीजेडसीसी द्वारा राष्ट्रीय मेला में हम सभी कलाकार उपस्थित हैं और यहां पर आप देखेंगे कि हर एक जोन से आर्टिस्ट हैं, यानी हमारे उत्तराखंड से हैं, बुंदेलखंड से हैं और चंडीगढ़ से हैं, बधाई नृत्य है भोपाल से हैं। तो ऐसे हमें सरकार से कामना करते हैं कि हमें ऐसे ही अवसर प्रदान करते रहें। तो आज हम यहां पर संस्कृति बिखरने वाले हैं, अपनी विधाओं के साथ मनोरंज करने वाले हैं।”
नारद जी का चित्रण करते राजस्थान के कलाकार “आज नारद जी इंद्रलोक छोड़कर आज मृत्युलोक में आ गए हैं और शिल्प मेले में राजस्थान से आज हम सीधे शिल्प मेले में आए हुए हैं। और बड़ा आनंद का पल है. बड़ा अच्छा माहौल है और ये कला और संस्कृति विभाग, भारत सरकार द्वारा हमें मौका मिला है और हम बहुत-बहुत आभारी हैं।”