Pilibhit: उत्तर प्रदेश का पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता है, यहां के किसान धान और गेहूं की खेती भी करते हैं। लेकिन इस साल सूखा पड़ने की वजह से उनका कहना है कि इस बार खेती से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं है। ऐसे में वे सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
किसानों का कहना है कि इस साल बारिश कम होने की वजह से गन्ने की फसल सूख गई है, जिससे उनकी आय पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीट हैं, जिनमें से चार पीलीभीत जिले में और एक बरेली जिले में है।
जिले के कृषि विभाग के मुताबिक, पीलीभीत जिले की चारों विधानसभाओं में करीब 18 लाख मतदाता हैं जिनमें से करीब 3.5 लाख किसान परिवार आते हैं। अगर इन्हें वोटर में देखें तो ये संख्या नौ लाख तक पहुंचती है जो कि कुल वोटर का 50 फीसदी है। किसानों का कहना है कि “गन्ने की आमदनी तो रेट तो कुल मिलाकर सही है। जैसे कि अब गन्ना अपना सूख गया इस बार, बहुत ज्यादा नुकसान हुआ किसानों कासगारों को। रेट तो ठीक था, लेकिन सूखने की वजह से गन्ना खराब हो गया इस बार।
इसके साथ ही कहा कि “गन्ना सूख रहा है सब। दवा गोली काम नहीं कर रही है खेत में। जितना पैदा नहीं हो रहा है उतना आदमी लगा दे रहा है। बिजार बहुत है ये बिजार कुछ बचने नहीं दे रहे हैं।”