Mathura: देशभर को हफ्ते भर बाद आने वाली होली का इंतजार है, लेकिन मथुरा में बसंत पंचमी के बाद से ही गुलाल खेलना शुरू हो चुका है। लोग हर रोज रंगों का त्योहार पूरे उत्साह से मना रहे हैं, वृंदावन के राधा वल्लभ मंदिर में सभी उम्र के श्रद्धालु पहुंचे, मंदिर के पुजारियों ने प्रसाद के रूप में उनपर गुलाल बरसाया।
मथुरा-वृंदावन को ब्रज भूमि भी कहते हैं, यहां होली बड़े उत्साह से मनाई जाती है, पारंपरिक रूप से यह जगह भगवान कृष्ण से जुड़ी है। पौराणिक कहानियों में श्रीकृष्ण का होली के साथ नजदीकी रिश्ता है, देशभर में होली 25 मार्च को मनाई जाएगी।
पुजारियों का कहना है कि “अब आ रही है हमारी रंग भरनी एकादशी, तो रंग भरनी एकादशी को क्या होगा कि ठाकुर जी जब विशेष श्रृंगार धारण करते हैं। उस दिन जैसे हमारे राधा वल्लभ लाल हैं, वो मुकुट धारण करते हैं, बाकी दिन टेपारी धारण होते हैं, लेकिन जो अपनी एकादशी होती है, उस दिन मुकुट और कटिकाझिनी धारण करते हैं और विशेष श्रृंगार जो गुरुवादिनी देवा है, उस पर विशेष श्रृंगार होता है। उस पर पाग के साथ में उनको टपारे और मुकुट धारण कराया जाता है, जो कि संध्या के समय हमारे ठाकुर जी धारण कर लेते हैं। तो ये एकादशी को विशेष श्रृंगार होता है।”