Lucknow: तापमान गिरने के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर में जानवरों को गर्मी पहुंचाने के लिए खास उपाय किए जा रहे हैं, जानवरों की सुरक्षा के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। उनके बाड़ों को कंबल ढंकने के अलावा उनके खान-पान में भी बदलाव किया जा रहा है।
चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि सर्दियों में मगरमच्छ और सांप जैसे ठंडे खून वाले जानवर शीतनिद्रा में चले जाते हैं। इससे उन्हें कम खाने की जरूरत पड़ती है, लखनऊ के प्राणी उद्यान में तरह-तरह के जानवर, चिड़ियां और सरीसृप हैं, ये पार्क 72 हेक्टेयर में फैला है।
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के निदेशक अदिति शर्मा ने कहा कि “सर्दियां हों या गर्मियां, जब भी मौसम बदलता है तो चिड़ियाघर में बहुत सारे बदलाव किए जाते हैं। जब गर्मी आई थी तो हम लोगों ने धूप से बचाने के लिए गर्मियों से बचाने के लिए हम लोगों ने व्यवस्थाएं की थीं और अब जब ठंड का मौसम आ गया है तो उनको गर्म रखने का प्रयास किया जा रहा है। सारे जानवर जो हैं उनके बैठने की जगह हैं। वहां पर पुआल डाल दिया गया है। सांपों के लिए कंबल का इंतजाम कर दिया गया है। और खाने में भी धीरे धीरे बदलाव किए जा रहे हैं। आप देखेंगे कि जहां पर हमारे दरवाजे हैं वहां पर लकड़ी के दरवाजे लगाकर रात को बंद करने की व्यवस्था कर दी गई है। ताकि ठंडी हवा अंदर ना जाए।”
इसके साथ ही कहा कि “ठंडे खून वाले जानवर होते हैं जैसे घड़ियाल, मगर और सांप इनको या फिर बड़ी छिपकलियां उनको हम ऐसी व्यवस्था देते हैं क्योंकि उनको कम से कम खाना इस मौसम में दिया जाता है क्योंकि उनकी बॉडी की एक्टिविटीज कम हो जाती हैं ऐसे में उनकी गतिविधि कम हो जाने से उन्हें भूख भी कम लगती है। अगर हम खाना डालेंगे भी बहुत कम खाएंगे। इस वक्त में आपने देखा होगा कि सांप बहुत कम निकलते हैं। बरसात में गर्मी मेें सांप के साथ आपका एनकाउंटर बहुत होता है क्योंकि उस समय में उनकी बॉडी एक्टिव रहती है ठंडे खून वाले जानवरों की। जब बॉडी की एक्टिविटी नहीं है तो तो उन्हें खाना देना भी उचित नहीं है और ये प्रोटोकॉल भी उसी तरह का निर्धारित किया गया है जो कि हम फॉलो करते हैं।”