Lucknow: दिवाली से पहले दस दिन का मिट्टी यानी माटी कला मेला उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शुरू हो गया, राज्य सरकार के माटी कला बोर्ड ने इस मेले का आयोजन किया है, जिसमें प्रदेश के कारीगरों और छोटे कारोबारियों को अपना काम दिखाने का मौका दिया गया है, इसका उद्देश्य हाथ से बने मिट्टी के उत्पादों को बढ़ावा देना भी है।
मेले में भाग लेने आए कुछ प्रतिभागियों के मुताबिक इस तरह के आयोजन कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने के लिए शानदार मंच देते हैं। इस मेले में बेचे जा रहे सभी सामान ईको फ्रेंडली हैं।
लखनऊ में लगा ये देसी मेला 30 अक्टूबर तक चलेगा, पॉटर संदीप प्रजापति ने कहा कि “फायदा यह हुआ जैसे हम लोग मेले में आते हैं मेले में हम लोग सब कुछ करते हैं। रहना, खाना सब कुछ, दुकान वगैरह अनेक लोग आते हैं ऑर्डर भी देते हैं। इसी से एक-दूसरे को जानते हैं, ये चीज चाहिए वो चीज चाहिए।”
लक्ष्मी क्ले लैंप क्रिएशन्स बाबू लाल प्रजापति ने बताया कि “पहल यह होता था कि मिट्टी के दियों को कोई पूछता नहीं था। आज के बाद ये लोग इतना प्रोत्साहन दिए हम लोगों को सारी डिजानिंग करना सिखाए उसके बाद में बेचने के लिए प्लेटफॉर्म बनाए। हम लोग एक प्लेटफॉर्म से 15 से 20 लाख का बिजनेस कर लेते हैं सर, जहां-जहां एग्जीबिशन लगता है वहां वहां हम लोग अच्छे से अच्छा बिजनेस कर लेते हैं।”