Hathras: होली के त्योहार से कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस में गुलाल तैयार करने का काम जोर पकड़ चुका है, होली में गुलाल की खास अहमियत होती है। ये महीन रंग-बिरंगा पाउडर होता है जिसे लोग एक-दूसरे के गालों पर या माथे पर टीका लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ये देश भर में धार्मिक अनुष्ठानों और कई दूसरे हिंदू त्योहारो में भी काम आता है।
हाथरस में सबसे ज्यादा गुलाल बनाया जाता है। शहर की फैक्ट्रियां हर साल कई टन रंग बनाती हैं, व्यापारियों का कहना है कि होली से लगभग तीन से साढ़े तीन महीने पहले से शुरू होता है और होली तक जाते ही रहता है। इसके साथ ही बताया कि हाथरस से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, बंगाल, गोवा, दमन दीव, सब जगह जाता है और सालों से अच्छी सेल है भइया, बहुत अच्छी सेल है, माल भी नहीं है इस टाइम। यहां से फैक्ट्री वालों का माल तो देश-विदेशों में भी जाता है।
वैसे तो हाथरस में बना हर रंग और गुलाल खास है। हालांकि अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से भगवा रंग की मांग कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। देश भर से दुकानदार और व्यापारी थोक में रंगों को खरीदने के लिए हाथरस आते हैं। ग्राहको का कहना है कि यहां बढ़िया गुलाल मिलता है, बढ़िया रंग मिलता है, तोता ब्रांड की गुलाल सबसे बढ़िया होती है ।” बता दे कि रंगों का त्योहार होली इस साल 25 मार्च को मनाया
जाएगा।