Gorakhpur: दिवाली का त्योहार पास आते ही गोरखपुर के औरंगाबाद गांव में बनी टेराकोटा की मूर्तियों की मांग बढ़ गई है, टेराकोटा की खूबसूरत मूर्तियां बनाने के लिए ये गांव देश-विदेशों में जाना जाता है।
यहां बनी मूर्तियां मुंबई, दिल्ली और देश के कई राज्यों में जाती हैं, जहां उनकी काफी मांग है, कारीगर फिलहाल अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव के लिए पांच लाख दीयों के ऑर्डर पर काम कर रहे हैं, जिसे आठ नवंबर तक पूरा करना है।
साल 2022 में यूके के ट्रेड कमिश्नर एलन जेम्मेल ने इस गांव का दौरा किया था, इसके बाद यहां बनने वाली टेराकोटा की मूर्तियां यूनाइटेड किंगडम में भी सप्लाई होती हैं। इसके बाद विदेशों में इसकी मांग बढ़ी है। सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक व्हील्स उपलब्ध कराने से कारीगरों का काम काफी आसान हो गया है और इससे उन्हें काफी फायदा हुआ है।
पन्नेलाल प्रजापति ने कहा कि “जो गांव हमारा है, गोरखपुर में, इसमें जो है, इस समय इतना ज्यादा पार्टियां आ रही हैं, घूम जा रही है, लेकिन माल नहीं बन पा रहा है, फिर भी हम लोग रातों-दिन एक करके बना रहे हैं सामान, और साथ में जो है, हमारा रंगाई-पुताई का काम चल रहा है, साथ ही साथ भट्टी भी चल रही है, इधर पेंटिंग का काम भी हो रहा है।”
Gorakhpur:
उन्होंने कहा कि “यह हमारा जब ये दीवाली का आता है तो मंदिर से,हमारा जो ऑर्डर है, वो आता है यहां। हर साल हम लोग देते हैं, ये चार-लाख, पांच लाख दीया जाता है औरंगाबाद गांव से। अयोध्या से पांच लाख दीये का आया है, उसको आठ तारीख को ही पूरा करना है हमको। यूके के कमिशनर जो हैं, वो आए थे यहां पर औरंगाबाद गांव में ही, तो हम चाक पर काम कर रहे थे, वो आए हमें देखने घर पर ही। उनका इतना लालसा था कि वो खुद ही चाक पर बैठ गए, चाक पर बैठकर वो खुद दीया बनाए, हमारे साथ में ही।”