CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग नोटिस देने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो कोई भी सच बोलता है उसे इस तरह ‘‘धमकाया’’ जाता है, यहां ‘वर्ल्ड हिंदू इकॉनोमिक फोरम 2024’ को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का भी आरोप लगाया। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी सच बोलता है, ये लोग उस पर महाभियोग (प्रस्ताव) के साथ दबाव डालते हैं, और फिर भी वे संविधान की बात करते हैं।उनके दोहरे मापदंड देखें।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश ने कहा कि समान नागरिक संहिता होनी चाहिए, और दुनिया भर में बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं का सम्मान किया जाता है।’’उन्होंने पूछा कि अगर कोई व्यक्ति इन विचारों को व्यक्त करता है तो उसका क्या अपराध है आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘क्या देश में समान नागरिक संहिता नहीं होनी चाहिए? दुनिया भर में व्यवस्था उसी के अनुसार चलती है जो बहुसंख्यक समुदाय कहता है और भारत कह रहा है कि बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच भेदभाव समाप्त होना चाहिए। वे (कांग्रेस) दबाव बनाएंगे, क्योंकि संविधान का गला घोंटकर देश की व्यवस्था को नियंत्रित करना उनकी पुरानी आदत है।’’
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “भारत के अंदर राज्यसभा में राज्यसभा के सभापति महामहिम उप-राष्ट्रपति हुआ करते हैं। महामहिम उप-राष्ट्रपति के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष को एक नोटिस दी है। जो भी सच बोलेगा, ये लोग महाभियोग का धौंस देकर उनके मुंह को बंद करने का प्रयास करेंगे। और फिर भी ये लोग संविधान की दुहाई देते हैं। इनके दोहरे चरित्र को देखो ना। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक माननीय न्यायमूर्ति एक बात कहीं। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता तो होनी चाहिए और दुनिया के अंदर तो बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का सम्मान हर हाल में होती है। अगर दुनिया में होती है तो भारत में बहुसंख्यक समाज के हितों की कोई चर्चा कर ले। वो सच्चाई को बोलता है। कौन-सा अपराध हो गया। आपने देखा होगा कि लोगों ने राज्यसभा में माननीय न्यायमूर्ति के खिलाफ भी महाभियोग की नोटिस दी है, ये है। ये अपने को लोकतांत्रिक कहते हैं। ये अपने को लोकतंत्रवादी कहते हैं। संविधान की पुस्तक साथ लेकर चलते हैं।तनिक भी शर्म इन लोगों को। ये संविधान का गला घोटने वाले लोग है। एक समान नागरिक कानून देश के अंदर नहीं होना चाहिए क्या। दुनिया के अंदर बहुसंख्यक समाज जो कहता है व्यवस्था वैसे ही संचालित होती है। भारत तो कह रहा है कि साहब भारत के अंदर अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का भेद समाप्त होना चाहिए।
इसके साथ ही कहा कि सब लोगों पर एक समान कानून लागू होना चाहिए। उल्टा हो रहा है। बहुसंख्यक समाज कह रहा है कि साहब बहुसंख्यक और
अल्पसंख्यक का भेद समाप्त होना चाहिए। लेकिन ये लोग धौंस देंगे। क्योंकि पुरानी आदत है। संविधान का गला घोट कर देश की व्यवस्था को संचालित करने की जबरन अपने दम पर ये लोग चलाना चाहते हैं। एक प्रधानमंत्री मोदी जी है जो श्रमिकों के श्रम का सम्मान करके उनके ऊपर पुष्प वर्षा कर रहे हैं। दूसरी तरफ वे भी शासक थे कि ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के हाथ काट दिए जाते थे। आपके सामने हैं। एक आज का भारत है जो अपने श्रम शक्ति का सम्मान करता है।उन्हें हर प्रकार का सरंक्षण देता है। दूसरा वो भी समय था जब ऐसे श्रमिकों के हाथ काट कर फाइन क्लॉथ की परंपरा को पूरी तरह समाप्त करके उस विरासत को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया था। 70 वर्षों में भारत केवल 10वीं, 11वीं अर्थव्यवस्था बन पाया था और मोदी जी ने अगले 10 वर्ष में भारत को दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया और ये मानकर चलिए 2027 में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।”