BHU: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का एक ललित कला छात्र अपने भाई की शादी के लिए पत्तों पर सौ से ज्यादा निमंत्रण कार्ड बना रहा है। सतीश पटेल का कहना है कि ये कार्ड दो सोच के प्रतीक हैं – प्राचीन परंपरा का सम्मान और पर्यावरण की सुरक्षा।
छात्रों का कहना है कि “शादी के कार्ड पे दरअसल पहले मैंने प्राचीन काल में मैंने देखा, किताबों में पढ़ा है कि भोजपत्र, ताड़पत्र पे लिख के एक-दूसरे को मैसेज भेजते थे। तो मैंने सोचा कि क्यों ना भैया के शादी के कार्ड को इन पत्तों पे लिखा जाए, और पर्यावरण भी संतुलन अच्छे से बना रहे। जिससे दूषित न हो। और पेड़-पौधे भी ज्यादा न कटें और कम खर्च हो, कागज का यूज न हो।”
सतीश पत्तों पर ऐक्रेलिक पेंट से निमंत्रण लिख रहे हैं, उनका कहना है कि ये काम न तो कठिन है और न महंगी, वह उन्हीं पत्तियों पर निमंत्रण कार्ड बना रहे हैं जो टूटकर गिर गई हैं।