Ayodhya: राम लला मंदिर के शिखर, सिंहासन और दरवाजों पर सोने का लेप चढ़ाने का काम शुरू

Ayodhya:  अयोध्या में राम लला मंदिर के उद्धाटन का समय नजदीक आने के साथ तैयारियां तेज होती जा रही हैं। उद्घाटन की तारीख 22 जनवरी तय की गई है। राम लला मंदिर के अलग-अलग हिस्सों में सोने की लेप चढ़ाने का काम शुरू हो गया है। भगवान के सिंहासन, दरवाजों और शिखर पर सोने की लेप चढ़ाने की योजना है।

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य और उडप्पी के पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि रामलला की मूर्ति बनाने का काम लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है। राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक मूर्ति का बचे हुए 20 फीसदी काम पूरा होने के आखिरी चरण में है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर के खंभों पर मूर्तियां उकेरी जाएंगी। हर खंभे पर 6000 मूर्तियां होंगी।

उन्होंने कहा कि मंदिर का फर्श संगमरमर का होगा। इसे कालीन नुमा लुक दिया जा रहा है। जिस सिंहासन पर राम लला की मूर्ति विराजमान होगी, वो सफेद संगमरमर का होगा। उसपर सोने की लेप चढ़ेगी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कैंप कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि मंदिर में कुल 42 दरवाजे होंगे। इनमें 18 दरवाजे मंदिर के गर्भ गृह के पास होंगे। सभी 18 दरवाजों पर सोने की लेप चढ़ेगी। दरवाजों पर सोने की लेप चढ़ाने का काम शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि राम लला मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने भारी मात्रा में धातु भी दान किया है, जिसमें सोना और चांदी भी शामिल है। इसी का इस्तेमाल मंदिर को भव्य बनाने के लिए किया जा रहा है। प्रकाश गु्ता ने कहा कि मंदिर के दरवाजे मशहूर कंपनी अनुराधा टिंबर तैयार कर रही है। वैज्ञानिकों की सलाह पर महाराष्ट्र के टीक की लकड़ी से दरवाजे बनाए जा रहे हैं। सोने की लेप चढ़े दरवाजों पर सनातन संस्कृति से जुड़े हुए प्रतीक चिन्ह होंगे।

पीठाधीश्वर स्वामी विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि “स्वर्ण लेप किया जाता है। आसन। भगवान का रत्न सिंहासन होगा। ये पूरा विशेष रूप से आभूषण है पूरा। 80 परसेंट खत्म हो चुका है। फिर भी 20 परसेंट बाकी है। बहुत अच्छा है। सब बहुत अच्छा है।” इसके साथ ही राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से बताया गया कि “हर खंभे पर मूर्तियां ऐसी 6000 बनेंगी। सभी खंभों पर। 6000 मूर्तियों के बनने के बाद मंदिर की क्या छटा निकलेगी। आप कल्पना कर सकते हैं। वर्णन तो नहीं कर सकते। मंदिर की फर्श संगमरमर की है। गर्भगृह की दीवारें संगमरमर की हैं। उसमें भी कार्विंग है। भगवान राम जहां विराजित होंगे उनका सिंहासन संगमरमर का है। आगे उसपे स्वर्ण जटित करने की योजना है। शिखर कितना भव्य होगा। लोग लालायित हैं उसको स्वर्ण युक्त किया जाए। ऐसा मंदिर बनाने की ये देश की जनता, देश के भक्त चाहते हैं। ये कल्पनातीत है।”

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इसके साथ ही कहा गया कि “दरवाजे की लकड़ी महाराष्ट्र सागौन की छह महीने पहले आ गई थी। और वहीं से और अन्य क्षेत्रों से बिष्टी, जो काष्ठ के कारीगर हैं, वो लोग आए थे और उन्होंने दरवाजे लगभग-लगभग नीचे के भूतल के तैयार कर दिए हैं। और उसपर नक्काशी का काम चल रहा है। नक्काशी के बाद 18 दरवाजे नीचे भूतल पर रहेंगे। कुल मिला के 42 दरवाजे लगेंगे। उसपर नक्काशी चल रही है। दरवाजे तैयार हो रहे हैं। नीचे के तैयार लगभग हो चुके हैं। उसके बाद दरवाजों पर और जो भगवान का सिंहासन बनेगा, उसपे सोने का जड़ाऊ का काम होने का भी पूरा विचार है। वो किया जाएगा।”

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