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मेरठ. देश की राजधानी दिल्ली से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ को जोड़ने के लिए हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का काम जारी है. देश की इस पहली रीजनल रेल के जरिए दिल्ली से मेरठ के सफर को तेज रफ्तार और सुगम बनाने का प्रयास चल रहा है. दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (Regional Rapid Transit System) को शुरू होने में अब 540 दिन और बचे हैं. दिल्ली सरकार ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. साथ ही इस सेवा को अब दिल्ली तक विस्तृत कर दिया गया है.
दिल्ली-मेरठ हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का यह ट्रैक 82.15 किमी लंबा है. यह रेल कॉरिडोर होगा जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ेगा. यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से ईको फ्रेंडली होगा और इसके तहत 82 किलोमीटर का सफर सिर्फ एक घंटे में पूरा किया जा सकेगा. यह आरआरटीएस प्रोजेक्ट क्या है और यह किस तरह से विकास को नई गति देगा? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
दिल्ली-मेरठ RRTS एक नजर में
ये है ट्रेन का रूट : 82 किमी लंबे रूट पर जमीन के ऊपर और नीचे, दोनों में ट्रेन चलेगी. एलिवेटेड रूट 68.03 किलोमीटर का होगा, वहीं अंडरग्राउंड रूट 14.12 किलोमीटर का रहेगा. घनी आबादी वाले मेरठ और दिल्ली में रूट अंडरग्राउंड रहेंगे. इसके लिए दो डिपो होंगे- दुहाई और मोदीपुरम.
स्टेशन : सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदी नगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ, मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम लोकल ट्रांजिट सर्विस से जुड़े 8 स्टेशन मेरठ में परतापुर, रिठानी, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, एमईएस कॉलोनी, दरौली और मेरठ नॉर्थ बन रहे हैं. आरआरटीएस से जुड़े 4 स्टेशन मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम होंगे.
यात्रियों को सुविधाएंः अत्याधुनिक ट्रेन जिसमें सफर करना सुरक्षित और आरामदायक होगा. ट्रेन के कोच के भीतर मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग, सीसीटीवी कैमरा जैसी सभी सुविधाएं होंगी. यात्रियों को सामान रखने के लिए एक्स्ट्रा स्पेस मिलेगा.
प्रोजेक्ट की फंडिंगः दिल्ली-मेरठ RRTS के निर्माण से कई एजेंसियां जुड़ी हैं. इस प्रोजेक्ट के लिए एडीबी ने 1 बिलियन डॉलर, एनडीबी और AIIB ने 500 मिलियन डॉलर की फंडिंग की है. वहीं प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार ने 20 प्रतिशत राशि दी है, जबकि दिल्ली सरकार ने 3.22% और यूपी सरकार ने 16.78 प्रतिशत राशि का सहयोग किया है.
180 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन
दिल्ली-मेरठ हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के पूरे रूट को 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के अनुसार तैयार किया गया है. इस ट्रैक पर ट्रेन की औसत रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रहेगी. यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से शुरू होगा. दिल्ली और गाजियाबाद होते हुए मेरठ के मोदीपुरम तक पहुंचेगा. हजरत निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन, सराय काले खां आईएसबीटी और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के कारण हजरत निजामुद्दीन, सराय काले खां ट्रांजिट हब बनेंगे.
मेरठ साउथ सेक्शन 2023 से
दुहाई डिपो को मिलाकार मेरठ का साउथ सेक्शन जनवरी 2023 से शुरू होने की उम्मीद है. वहीं 16.60 km का हजरत निजामुद्दीन-साहिबाबाद जनवरी 2024 तक शुरू होगा. इसके बाद बचा हुआ 37.40 km का मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक का ट्रैक जुलाई 2024 तक पूरा हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट में दस हजार से ज्यादा मजदूर काम कर रहे हैं. साथ ही 1100 से ज्यादा इंजीनियर्स जुड़े हुए हैं.
लोकल ट्रांसपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
RRTS स्टेशन को ट्रांसपोर्ट के अलग-अलग मोड से जोड़ा जाएगा, जिसमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनल, इंटर स्टेट बस टर्मिनल और दिल्ली मेट्रो स्टेशन शामिल है. खबरों के अनुसार इस ट्रांसपोर्ट सिस्टम के आने के बाद लोकल ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल 37 प्रतिशत से 67 प्रतिशत तक सिमट जाएगा. सभी RRTS स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर होंगे. अनुमान के अनुसार इस सेवा के शुरू होने के बाद से प्रतिदिन एक लाख वाहन सड़कों पर नहीं उतरेंगे, जिससे जाम की समस्या खत्म होगी. साथ ही प्रदूषण भी नहीं होगा. मेरठ और दिल्ली एनसीआर के लिए यह नई लाइफलाइन साबित होगी.
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