Champions Trophy: रिहैब के दौरान डर का एहसास था लेकिन मैं उस दौर से आगे निकल चुका हूं – मोहम्मद शमी

Champions Trophy: अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने खुलासा किया है कि चोट से लंबे समय तक बाहर रहने के बाद जब उन्होंने रिहैबिलिटेशन शुरू किया तो उनमें डर की भावना घर कर गई थी। शमी ने बताया कि उन्होंने ये सोच बना थी कि उन्हें भारतीय टीम में वापसी करनी है जिससे उन्हें उस दौर से उबरने में काफी मदद मिली।

शमी आखिरी बार भारत के लिए नवंबर 2023 में वनडे विश्व कप फाइनल में खेले थे। उनके बाएं पैर में टखने में चोट लगी थी जिसके लिए उन्हें सर्जरी की जरूरत पड़ी। इससे उबरने के बाद कुछ हफ्ते पहले घरेलू मैच में वापसी के दौरान उनके बाएं घुटने में सूजन आ गई।

अनुभवी तेज गेंदबाज के बुधवार को कोलकाता में अपने घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले के साथ टीम इंडिया में वापसी करने की उम्मीद है। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में शामिल होने के बाद उनकी मैदान पर वापसी देखने के लिए करोड़ों क्रिकेट प्रेमी टकटकी लगाए हैं।

शमी ने कहा, “मैंने पूरे एक साल तक इंतजार किया और (पूरी फिटनेस हासिल करने के लिए) बहुत मेहनत की। रिहैबिलिटेशन के दौरान दौड़ते समय भी चोटिल होने का डर था।”

उन्होंने कहा, “किसी भी खिलाड़ी के लिए जब वह टीम में वापसी करने के करीब हो तब चोटिल होना बहुत मुश्किल पैदा करता है। चोटिल होने पर फिर आपको रिहैबिलिटेशन के लिए एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) जाना पड़ता है और फिर वापसी करनी होती है।”

शमी ने कहा कि चोट लगने के बाद कोई भी खिलाड़ी अधिक मजबूत बन जाता है। उन्होंने कहा, “जब आप चोटिल हो जाते हैं तो मुझे लगता है कि एक खिलाड़ी के रूप में आप ज्यादा मजबूत बन जाते हैं क्योंकि मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए आपको कई चीजें दोहरानी पड़ती हैं।”

शमी ने कहा कि वे नाकामियों से उबर चुके हैं और आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हैं।

उन्होंने कहा, “जो हो गया, हो गया। मैं उस (चोट के) चरण से आगे निकल चुका हूं। यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं तो आपको परिणाम मिलेंगे। मैं इसी में विश्वास करता हूं। अगर आप चोटिल हो जाते हैं तो आपको राष्ट्रीय टीम में वापसी करने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति रखनी होगी। इसलिए (परिस्थितियों से) लड़ो और आगे बढ़ो।”

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