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चंडीगढ़: पंजाब के गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी (sacrilege circumstances of Guru Granth Sahib) मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (Particular Investigation Staff SIT) ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana Excessive Court docket) को बताया है कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रशासनिक ब्लॉक में ही इस कृत्य की साजिश रची गई थी. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) ने पंजाब पुलिस की कार्रवाई को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसके बाद एसआईटी के सदस्य एसएसपी रैंक के अधिकारी एमएस भुल्लर ने जवाब में एचसी के समक्ष दायर किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एसआईटी द्वारा दायर जवाब में कहा गया है कि बेअदबी के मामलों में आरोपियों के इकबालिया बयानों की सामग्री से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि इन अपमानजनक कृत्यों की साजिश एक आम जगह पर रची गई थी, जो डेरा सच्चा सौदा सिरसा का प्रशासनिक खंड है. आरोपी हर्ष धुरी, संदीप बरेटा और प्रदीप कलेर, जो डीएसएस सिरसा की राष्ट्रीय समिति के सदस्य थे, उन्होंने अपराध के वास्तविक आरोपियों को पंजाब के एक विशेष क्षेत्र में बेअदबी के ऐसे कृत्यों को करने का निर्देश दिया था. जवाब में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि यदि अपराध की योजना डेरा मुख्यालय में बनाई गई थी तो याचिकाकर्ता गुरमीत राम रहीम के प्रमुख होने के नाते इन आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए बाध्य था.
एसआईटी ने कहा कि याचिकाकर्ता डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की आपराधिक प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए इन आपराधिक गतिविधियों में शामिल होना तय है. चूंकि वह पहले ही हत्या और बलात्कार के तीन मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है, इसलिए यह आसानी से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वह इन सभी मामलों के पीछे मुख्य अपराधी है. इसके अलावा, यह एक खुला रहस्य है कि डेरा के सदस्यों ने याचिकाकर्ता की अनुमति के बिना एक भी कार्य नहीं किया और उसके लिए अपनी जान देने को तैयार थे.
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