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चंडीगढ़. पंजाब में अगले साल विधानसभा के चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) होने हैं. लेकिन इस महामुकाबले से पहले राज्य में बीजेपी और कांग्रेस की नींद उड़ गई है. वजह है चंडीगढ़ के नगर निगम चुनाव (Chandigarh Municipal Corporation Poll) में आम आदमी पार्टी की धमाकेदार जीत. अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 35 में से 14 वार्डों में जीत मिली है. पिछले नगर निगम सदन में बहुमत हासिल करने वाली भाजपा इस बार 12 वार्डों में जीत हासिल कर दूसरे नंबर पर रही. जबकि कांग्रेस के हिस्से आठ सीटें और शिरोमणि अकाली दल के हिस्से एक सीट आई है.
विधानसभा चुनाव से पहले AAP की इस जीत को बड़ी तस्वीर के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि भाजपा का कहना है कि नगर निगम और विधानसभा चुनावों की तुलना नहीं की जा सकती है. लेकिन इस चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झौंक दी थी. आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस जीत से राज्य में आम आदमी पार्टी को लेकर लोगों के बीच अच्छी राय बनेगी.
बदलेगी लोगों की राय
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए आप पंजाब इकाई के संयोजक हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि चंडीगढ़ की जीत लोगों के बीच पार्टी के पक्ष में एक राय बनाएगी. उन्होंने कहा, ‘चंडीगढ़ पंजाब से अलग नहीं है. पंजाब के हजारों निवासी रोजाना चंडीगढ़ आते हैं. वे अपने घरों को वापस जाएंगे और बदलाव को लेकर जरूर बात करेंगे. अच्छी सरकार चलाने की वजह से लोगों ने हमें वोट दिया है.’
बिना बड़े नाम के जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उन्हें 20 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन बाद में उनके 10 विधायक धीरे-धीरे छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इस बार चंडीगढ़ की जीत पार्टी के लिए बेहद खास है. दरअसल पिछले साल तक आप का शहर में कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं था और सिर्फ एक बड़ा नाम कांग्रेस के पूर्व नेता चंदर मुखी शर्मा उनके साथ थे.
काम आए चुनावी वादे
नगर निगम चुनाव से पहले AAP ने यहां की जनता से कई खास वादे किए थे. पार्टी ने कहा था कि वो दिल्ली जैसा मॉडल यहां लाएंगे. जिसमें हर परिवार को हर महीने 20,000 लीटर पानी मुफ्त दिए जाने की बात कही गई. बता दें कि पिछले साल यहां पानी की दरों में 200 गुना का इजाफा किया गया था. साथ ही निगम को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का भी वादा किया गया.
इन वजहों से लोग थे परेशान
भाजपा के नेतृत्व वाले निगम ने कई तरह के टैक्स लगा दिए थे. प्रॉपर्टी टैक्स की दरों को भी बढ़ा दिया दिया गया था. इसके अलावा तेजी से बढ़ते शहर में पार्किंग की समस्याओं को लेकर भी लोग नाराज़ थे. चंडीगढ़ स्वच्छ शहर की रैंकिंग में दूसरे से 66वें स्थान पर आ गया. आप ने इन मुद्दों को लगातार उठाया. कई लोगों को कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. जब लोग बेड और ऑक्सीजन की तलाश में लगे थे तो पार्षद पर गायब होने के आरोप लगे थे.
बीजेपी से कहां हुई चूक
भाजपा निगम के मतदाताओं के बीच हिंदुत्व का भी मुद्दा नहीं उठा सके. बावजूद इसके कि शहर में अब बड़ी संख्या में प्रवासी हैं, खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार और हिमाचल प्रदेश से. इसके अलावा किसानों के गुस्से के चलते भी पार्टी को लोगों का समर्थन नहीं मिला. चंडीगढ़ की निगम सीमा में इस बार 13 और गांव थे. ग्रामीण इलाकों में ज्यादा वोटिंग हुई. आप ने वहां बड़ी जीत हासिल की.
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