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चंडीगढ़. पंजाब में भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी (senior Indian Police Service officer) इकबाल प्रीत सिंह सहोता (Iqbal Preet Singh Sahota) को हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय (Siddharth Chattopadhyay) को राज्य का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्ति को लेकर खासा बवाल मच गया है. चट्टोपाध्याय की नियुक्ति को लेकर पंजाब भाजपा और बहुजन समाज पार्टी (BJP and Bahujan Samaj Social gathering) ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का राज्य में कोई अधिकार नहीं है और सिद्धू शो चला रहे हैं. भाजपा व बसपा ने इसमें सिद्धू का हाथ होने का लगाया है.
दोनों राजनीतिक दलों का आरोप है कि पंजाब सरकार ने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के कथित दबाव के चलते भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को राज्य का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है. इस नियुक्ति पर पंजाब भाजपा महासचिव सुभाष शर्मा ने पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह कदम दर्शाता है कि राज्य में चन्नी के पास ”कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धू गांधी परिवार के आशीर्वाद से पिछले दरवाजे से सरकार चला रहे हैं, जबकि चन्नी सिर्फ रबड़ स्टैंप बनकर रह गए हैं.
दलित विरोधी चेहरा उजागर
शर्मा ने कहा कि सिद्धू को कांग्रेस की पंजाब चुनाव समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने के साथ यह स्पष्ट हो गया था कि चन्नी को अनुसूचित जाति समुदाय के वोटों को हथियाने के लिए मुख्यमंत्री बनाया गया. पंजाब बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी ने भी सहोता को हटाने पर कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित एक अधिकारी को हटाने के साथ ही कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है.
डीजीपी की नियमित नियुक्ति पर फैसला 21 को
चट्टोपाध्याय 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा ‘शॉर्टलिस्ट’ किए जाने वाले तीन आईपीएस अधिकारियों के पैनल में से नियमित डीजीपी नियुक्त होने तक यह प्रभार संभालेंगे. यूपीएससी 10 अधिकारियों की पंजाब सरकार की सूची में से तीन अधिकारियों के पैनल को ‘शॉर्टलिस्ट’ करने के लिए 21 दिसंबर को दिल्ली में बैठक करेगा.
चट्टोपाध्याय सतर्कता ब्यूरो के मुख्य निदेशक का पद भी संभालते रहेंगे. सितंबर में चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सहोता को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया था. सहोता को इस पद के लिए चन्नी की पसंद माना जाता था. हालांकि कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू उन्हें बदलने के लिए दबाव बनाते रहे.
कार्यभार संभालने के बाद चट्टोपाध्याय ने राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की है. चट्टोपाध्याय के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वह पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अलावा, राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और सड़क सुरक्षा में सुधार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
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टैग: Charanjit Singh Channi, नवजोत सिंध सिद्धू, पंजाब विधानसभा चुनाव 2022
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