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चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) के मोहाली की अदालत की ओर से ड्रग्स केस में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia) की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनकी तलाश में पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है. वहीं अब उनके वकील ने कहा है कि वह शनिवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana Excessive Courtroom) का रुख करेंगे.
बिक्रम मजीठिया पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. पंजाब के पूर्व मंत्री ने अग्रिम जमानत के लिए गुरुवार को अदालत का रुख किया था. जमानत याचिका मजीठिया के वकील डीएस सोबती ने दायर की थी. याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर दी है और वह अब हाईकोर्ट का रुख करेंगे. पंजाब में मादक पदार्थों का एक गिरोह संचालित होने की जांच की 2018 की स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस कानून की संबद्ध धाराओं के तहत बीते सोमवार को एक मामला दर्ज किया गया था. यह रिपोर्ट पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में मादक पदार्थ निरोधी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने 2018 में दाखिल की थी.
एफआईआर में कहा गया है कि एसटीएफ की स्टेटस रिपोर्ट के साथ-साथ महाधिवक्ता के विचार में जमानती अपराध हुआ है इसलिए मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. उसमें कहा गया है कि मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जानी चाहिए, जिसके लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे.
उच्च न्यायालय में लंबित एसटीएफ की यह रिपोर्ट जगजीत सिंह चहल, जगदीश सिंह भोला और मनिंदर सिंह औलख सहित कुछ आरोपियों के बयान पर आधार है. ये सभी 2013 के करोड़ों रुपये के मादक पदार्थ रैकेट मामले में आरोपी हैं. जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. इस मामले में ईडी ने दिसंबर 2014 में मजीठिया से भी पूछताछ की थी, उस दौरान वह अकाली सरकार में मंत्री थे.
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