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नई दिल्ली. पंजाब (Punjab) के पिछले दिनों हुई बेअदबी (Sacrilege) की घटनाओं और लुधियाना की जिला कोर्ट (Ludhiana Court docket Blast) में हुए विस्फोट के बाद राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) और कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि पंजाब की चन्नी सरकार बहुत कमजोर है. वे आपस में ही लड़ रहे हैं. ये पंजाब को संभालने के लिए बने ही नहीं हैं.’ वहीं केजरीवाल के आरोपों पर पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पलटवार किया है. बता दें कि गुरुवार को लुधियाना के कोर्ट परिसर में हुए धमाके में एक व्यक्ति की मौत हुई थी और 5 लोग घायल हो गए थे.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘अब पंजाब को स्थिर, सशक्त और कर्रवाई करने वाली सरकार की जरूरत है. ऐसा मानना है कि बेअदबी की कोशिश करने वाले व्यक्ति को वहां साजिश के तहत भेजा गया होगा. जब तक सरकार ईमानदार और कार्रवाई करने वाली नहीं होगी तब तक ऐसे मामले होते रहेंगे. आम आदमी पार्टी पंजाब को मजबूत सरकार देगी और ऐसे अपराधों के दोषियों को सजा दिलवाएगी.’
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘चुनाव से पहले बेअदबी और फिर लुधियाना कोर्ट में हुआ ब्लास्ट यह दर्शाता है कि पंजाब की शांति भंग करने की कोशिश हो रही है. कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं. ऐसे लोगों को सख्त सजा दी जाए. मैं पंजाब के लोगों से अपील करना चाहूंगा कि वे ऐसे लोगों को सफल न होने दें. उनके इरादे नापाक हैं. उन्हें पकड़कर सख्त सजा देनी चाहिए.’
सीएम चन्नी ने कहा, ‘कपूरथला मामले में बेअदबी का कोई सबूत नहीं मिला है. मामले की जांच की जा रही है. एफआईआर को भी संशोधित किया जा रहा है. आप कह रही है कि मैं ड्रामा कर रहा हूं. केजरीवाल ने कोर्ट में माफीनामा देकर विक्रम सिंह मजीठिया को सॉरी कहा था. वह भगोड़े हैं. उनके 10 विधायकों ने भी उनका इस मामले में साथ छोड़ दिया था.’
उन्होंने कहा, ‘हम ड्रग माफिया के खिलाफ जांच शुरू कर रहे थे. मोहाली कोर्ट में एक केस भी दायर था. तभी लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट हो गया. मेरा मानना है कि इसमें उनके बीच कोई लिंक हो सकता है. इसकी जांच की जाएगी.’
वहीं लुधियाना कोर्ट में हुए बम धमाके में खालिस्तान समर्थित समूह की भूमिका की बात सामने आ रही है. खुफिया एजेंसियों के पास जानकारी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई समर्थित एक समूह इस धमाके में शामिल था. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लाल किला घटना के बाद एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं. वे लगातार अपने आंदोलन को दोबारा जीवित करने की तैयारी में लगी खालिस्तानी ताकतों पर नजर रखे हुए हैं.
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