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चंडीगढ़. लुधियाना कोर्ट (Ludhiana Courtroom) में बम धमाके में खालिस्तान समर्थित समूह की भूमिका की बात सामने आई है. खुफिया एजेंसियों के पास जानकारी है कि पाकिस्तान (Pakistan) के ISI समर्थित एक समूह इस धमाके में शामिल रहा है. गुरुवार को कोर्ट परिसर में हुए धमाके में एक व्यक्ति की मौत हुई और 5 लोग घायल हो गए थे. बीते पांच महीनों में पंजाब पुलिस ने ऐसी कई साजिशों को नाकाम किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लाल किला घटना के बाद एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं. वे लगातार अपने आंदोलन को दोबारा जीवित करने की तैयारी में लगी खालिस्तानी ताकतों पर नजर रखे हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स पंजाब में आतंकी गतिविधियों के लिए अपने साथियों को निर्देश दे रहे थे. उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर ऐसी कई साजिशों को नाकाम किया गया है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हमें स्थानीय गैंग को शामिल किए जाने और पाकिस्तान के आईएसआई समर्थित खालिस्तानी आंदोलन को दोबारा शुरू किए जाने के संबंध में खास जानकारी मिली थी. हमने इन इनपुट्स को स्थानीय पुलिस के साथ साझा भी किया था. फरार या जमानत पर बाहर अपराधियों की सूची बनाने के लिए पूरे राज्य में ऑपरेशन चलाया गया था. बीते कुछ महीनों में बरामद हुई चीजें केवल शुरुआत है.’
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उन्होंने बताया कि नवंबर में आर्मी कैंट के गेट पर हुआ ग्रेनेड हमला भी आतंकी गतिविधि थी, जिसे स्थानीय अपराधियों ने अंजाम दिया था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘इस साल पंजाब के पास करीब 42 बार ड्रोन दिखे जाने के मामले दर्ज किए गए, कई मामले रिपोर्ट नहीं हुए. पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन की मदद से गिराए गए विस्फोटक और छोटे हथियारों का इस्तेमाल राज्य में अशांति फैलाने के लिए किया जाएगा.’
बीते पांच महीनों में पंजाब पुलिस ने 7 टिफिन बम और सीमावर्ती शहरों से 10 से ज्यादा हैंड ग्रैनेड बरामद किए हैं. अगस्त में ही पंजाब पुलिस ने जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे के बेटे गुरमुख सिंह को गिरफ्तार किया था. उसके पास भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए थे. जांच में पाया गया था कि चुनाव से पहले उग्रवाद के लिए उसे पाकिस्तान के ISI और पाकिस्तान के अन्य खालिस्तान समर्थित आतंकी समूहों से मदद मिल रही थी.
खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि धमाके में IED के इस्तेमाल का शक है. खबर है कि इसे लेकर तीन बार ख़ुफ़िया विभाग ने अलर्ट जारी किया था. अलर्ट में IED के इस्तेमाल पर भी आशंका जताई गई. अलर्ट में 9 जुलाई, 7 दिसंबर और 23 दिसंबर, यानी धमाके के दिन की भी बात कही गई थी. साथ ही पाक ISI और खालिस्तानी संगठनों द्वारा आतंकी हमले की आशंका को लेकर अलर्ट जारी किया गया था. विभाग ने संवेदनशील इमारतों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाने को लेकर 3 अलर्ट जारी किए गए थे.
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