New Delhi: बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक थोड़ी देर में शुरू होगी, लोकसभा चुनाव पर होगी चर्चा

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी के वरिष्ठ नेता आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी कैंपेन थीम की रूपरेखा तैयार करने के लिए दो दिन की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में चर्चा करेंगे। बैठक में बीजेपी के देश भर से आए लगभग 11,500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की इस बैठक में केंद्रीय मंत्री, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री, राष्ट्रीय और राज्य में पार्टी के पदाधिकारी, सांसद और विधायकों समेत लगभग 11,500 प्रतिनिधि हिस्सा
लेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए 370 और उसकी अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए 400 से ज्यादा सीट जीतने का लक्ष्य तय किया है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस बैठक में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक देने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को जी जान से जुट जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और साथ ही इसकी रुपरेखा पेश कर सकते हैं।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे और अगले दिन मोदी रविवार को समापन सत्र को संबोधित करेंगे। परिषद में दो प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना है। आम तौर पर, एक प्रस्ताव मौजूदा राजनीतिक माहौल और तात्कालिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को सामने रखता है जबकि दूसरा अर्थव्यवस्था की हालत पर आधारित होता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से संसद में पेश अर्थव्यवस्था पर हालिया श्वेत पत्र, अयोध्या में राम मंदिर बनने, विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में कथित बिखराव, 2023 में जी20 समिट की कामयाबी और देश की वैश्विक हालत उन मुद्दों में शामिल हैं, जिनका बैठक में पार्टी के प्रमुख नेताओं के भाषणों और प्रस्तावों में जिक्र किए जाने की संभावना है।

पार्टी नेताओं ने कहा है कि बैठक में मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के परिणामों के अलावा महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों को सशक्त बनाए जाने की ‘मोदी की गारंटी’ पर फोकस किया जा सकता है। राजनैतिक पर्यवेक्षकों की नजर इस बात पर भी होगी कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी चुनावी बॉन्ड और किसानों के विरोध प्रदर्शनों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा करती है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया है। वहीं किसान संगठन अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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