BJP Foundation Day: आज भाजपा का 44 वां स्थापना दिवस है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BJP कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और बीजेपी देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजित हो रहा है। आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, शून्य से शिखर तक पहुंचने की बीजेपी की इस यात्रा में कई उतार-चढ़ाव और संघर्ष हैं। ऐसे में जानते हैं कि बीजेपी का सफर कहां से शुरू हुआ, कैसे जनसंघ से जनता पार्टी और फिर बीजेपी पार्टी बनी।
भारतीय जनता पार्टी यानि बीजेपी का इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा हुआ है। दिल्ली में 21 अक्टूबर 1951 को जनसंघ की स्थापना हुई थी बल्कि 1980 में भाजपा का गठन हुआ था। भारतीय जनसंघ के संस्थापक- डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफेसर बलराज मधोक, दीनदयाल उपाध्याय थे उस समय जनसंघ का चुनाव चिन्ह ‘दीपक’ और झंडा भगवा रंग का रखा गया। साल 1975 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया तब जनसंघ के लोगों ने आपातकाल का विरोध किया और कई नेता गिरफ्तार होने के साथ ही जेल में भी रहे।
BJP Foundation Day:
साल 1977 में आपातकाल खत्म हुआ और आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। ऐसे में इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी को परास्त करने के लिए विपक्षी दलों ने जनता पार्टी बनाई। पार्टी का गठन संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय लोकदल, कांग्रेस (ओ), जनसंघ को मिलाकर किया गया था। जिसके बाद चुनाव में जनसंघ कामयाबी मिली और मोरारजी देसाई की अगुवाई में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी जिसमें लालकृष्ण आडवाणी सूचना एवं प्रसारण मंत्री और अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने।
बीजेपी पार्टी की स्थापना :
कहा जाता है कि जनता पार्टी कई धड़ों में बंटी हुई थी, जिनमें से चौधरी चरण सिंह, मोरारजी देसाई, राज नारायण, बाबू जगजीवन राम और जनसंघ नेताओं का धड़ा था। फिर साल1979 में जनता पार्टी की सरकार गिर गई और लोकदल के नेता चौधरी चरण सिंह कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बन गए। तो आरएसएस की सदस्यता छोड़ने को लेकर जनता पार्टी टूट गई और पार्टी के नेताओं ने अलग-अलग पार्टी बनाने का निर्णय लिया और जनसंघ से निकले नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में साल 1980 में बीजेपी पार्टी की स्थापना की गई।
बीजेपी का चुनाव चिह्न ‘कमल’ का फूल रखा। स्थापना के बाद पार्टी ने मुंबई में अपना पहला अधिवेशन रखा, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा का ऐतिहासिक भाषण दिया। साल 1984 में बीजेपी ने लोकसभा का पहला चुनाव लड़ा और केवल 2 सीटों पर जीत हासिल की जिसके दो साल बाद लालकृष्ण आडवाणी को बीजेपी की कमान मिली। जिसके बाद साल 1989 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 85 सांसदों वाली पार्टी बनी और वीपी सिंह प्रधानमंत्री बन गए। कहा जाता है कि बीजेपी के लिए राम मंदिर का मुद्दा संजीवनी बना एक तरफ लालकृष्ण आडवाणी कट्टर हिंदुत्व का चेहरा बन गए और उनके नेतृत्व में राम मंदिर आंदोलन शुरू करने का फैसला किया।
BJP Foundation Day: समय के साथ साल 1990 में बीजेपी की सरकार एक साथ तीन राज्यों में बनी, जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश शामिल थे। फिर इसी साल लालकृष्ण आडवाणी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राम रथ यात्रा शुरू हुई और इस मुद्दे को लेकर बीजेपी घर-घर पहुंच गई। जिसके बाद साल 1991 में बीजेपी की कमान साल मुरली मनोहर जोशी को मिली, फिर इस साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी 85 सिटों से बढ़कर 120 सिटों पर पहुंच गई। फिर बाबरी मस्जिद मुद्दे के बाद बीजेपी का राजनीतिक ग्राफ बढ़ने लगा। कर्नाटक, महाराष्ट्र,बिहार, गोवा और गुजरात तक में कमल खिलने लगा.
बीजेपी 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में बड़ी पार्टी के रूप में उभरने लगी, अटल बिहारी वाजपेयी पहले 13 दिन फिर 13 माह के लिए प्रधानमंत्री बने। इसके बाद साढ़े चार साल तक वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री रहे, फिर साल 2000 से 2014 तक अंतर-कलह की वजह से पार्टी कमजोर हुई। साल 2004 के आम चुनाव में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा कई सालों तक बीजेपी सत्ता में नहीं आ पाई। जिसके बाद बीजेपी की गोवा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई और बड़ा फैसला करते हुए नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान का प्रमुख बनाया गया।
BJP Foundation Day: बीजेपी ने 2014 के आम चुनाव में धमाकेदार वापसी करते हुए केंद्र में सरकार बनाई और 282 सीटों पर जीत हासिल की, इसके साथ ही बीजेपी के एक नए युग की शुरुआत हुई, जिसे मोदी-शाह युग भी कहा जाता है। जिसके बाद बीजेपी का कई राज्यों में विस्तार हुआ और 2018 तक बीजेपी 21 राज्यों तक पहुंच चुकी थी। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक और 303 सीटें जीतकर बड़ी जीत हासिल की। आज बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है साथ ही साल 2024 के लिए बीजेपी ने 350 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।