ले गई दिल गुड़िया जापान की… यूपी के मुंडे पर आया जापानी कन्या का दिल, हिन्दू रीति-रिवाज से रचा ली शादी

नमिता बिष्ट

साल 1966 में जॉय मुखर्जी और आशा पारेख अभिनीत सुपरहिट फिल्म ‘लव इन टोक्यो’ का गाना ‘ले गई दिल गुडिया जापान की’….. को उत्तरप्रदेश के एक युवक ने सार्थक किया है। जी हां, एक हिंदुस्तानी युवक को एक जापान की युवती से प्यार हुआ और अब दोनों शादी के बंधन में बंध गए हैं। इस शादी को 2 दिलों ही नहीं, बल्कि 2 देशों के संबंधों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

हिंदू रीति रिवाज के साथ हुई शादी
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में दुबौलिया इलाके के डेईडिहा गांव निवासी किसान राजेंद्र त्रिपाठी के बेटे इंजीनियर अजीत त्रिपाठी और जापान की मसाको रविवार की रात हिंदू रीति रिवाज से वैवाहिक बंधन में बंध गए। देशी अंदाज में दूल्हा और दुल्हन के परिजनों सहित सभी खूब झूमे। शादी में विशेषकर दुल्हन पक्ष के लिए हर रस्म रोचक रही। इस दौरान दुल्हन के परिजन भारतीय संस्कृति को देखकर भाव विभोर दिखे।

टोक्यो में 2 साल पहले हुई थी मुलाकात
अजीत त्रिपाठी की प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा प्राप्त कर लगभग 8 सालों से जापान टोक्यो में हिकारी तुल्सेन कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर है। दुल्हन मसाको भी टोक्यो में ही ऑनलाइन मार्केटिंग मैनेजर के रूप में कार्य करती है। शादी के बंधन में बंधे दोनों दूल्हा-दुल्हन बताते हैं कि दो साल पहले दोनों में दोस्ती हुई जो प्यार में बदल गई। एक दूसरे की व्यवहार कुशलता ने ही दोनों को आकर्षित किया। इंजीनियर अजीत त्रिपाठी से भारतीय संस्कृति के बारे में जानकर मसाको भी काफी प्रभावित हुई। फिर दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया।

परिवार को मनाने के लिए करनी पड़ी कड़ी मशक्कत
कहा जाता है कि वह प्यार ही क्या जिसमें चुनौती ही ना हो। ऐसा कुछ इस जोडे के साथ भी हुआ। अजीत को जहां परिवार के सभी सदस्यों के साथ अपने माता-पिता और परिजनों का दिल जीतना था। वहीं मसाको को अपने माता शसिको-पिता नोरी फुमी को इस शादी के लिए राजी करना भी किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन दोनों ने कभी हार नहीं मानी और आखिरकर दोनों परिवार इस शादी के लिए राजी हो गए। फिर अजीत के परिवार की इच्छा के अनुसार मसाको का भी परिवार भारतीय संस्कृति के अनुसार हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करने को राजी हो गया और अब दोनों परिवार इस रिश्ते से खुश हैं।

अजीत ने सरकारी स्कूल से की है पढ़ाई
बता दें कि अजीत त्रिपाठी ने गांव के सरकारी स्कूल से प्राइमरी और हाईस्कूल की परीक्षा पास कर इंटर की पढ़ाई अयोध्या से की है, फिर बीटेक की पढ़ाई करने पश्चिम बंगाल दुर्गापुर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्था चला गया। जहां साल 2008 से 2012 तक 4 साल पढ़ाई करने के बाद 2014 में जापान चला गया। जहां दो‌ साल पहले नौकरी के दौरान अजीत त्रिपाठी की मुलाकात ऑनलाइन मार्केटिंग मैनेजर के रूप में कार्यरत जापानी लड़की मसाको से हुई और दोनों की नजदीकियां बढ़ गई।

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