चुनावी बिगुल बजते ही आचार संहिता लागू, क्या है नियम, क्या-क्या होंगे बैन

चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता को लागू कर दिया जाता है जो चुनाव के परिणाम आने तक लागू रहती है। आदर्श आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक पार्टियों में होने वाले मतभेद को रोकना, निष्प्क्ष चुनाव कराना व शांति व्यवस्था को बनाए रखना होता है। इस दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न हो सके इसके लिए कड़े नियम और कानून मौजूद हैं। आचार संहिता के नियम और कानून के तहत चुनाव को निष्पक्ष कराया जाता है।
ये हैं नियम
इलेक्शन की तारीख की घोषणा करने के बाद आचार संहिता लागू कर दी जाती है। जिसके बाद राजनीतिक पार्टियों द्वारा सार्वजनिक धन के प्रयोग पर रोक लग जाती है। जिससे सार्वजनिक धन का प्रयोग कर राजनीतिक पार्टियां चुनाव में फायदा न उठा सकें व निष्पक्ष चुनाव कराया जा सके।
आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान, सरकारी घर का प्रयोग नहीं कर सकती है।
आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी काम का लोकार्पण, शिलान्यास नहीं किया जा सकता है।
आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस व प्रशासन की अनुमति के बगैर कोई भी राजनीतिक पार्टी रैली का आयोजन नहीं कर सकती है
आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्च से किसी भी तरह का आयोजन नहीं किया जा सकता।
आचार संहिता नियमावली के तहत राजनीतिक पार्टियां सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देते हुए धार्मिक स्थलों का प्रयोग राजनीतिक आयोजनों के लिए नहीं कर सकती हैं।

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