Sanchar Saathi: संचार साथी एप के प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्यता हटाई गई

Sanchar Saathi: संचार साथी एप कर केंद्र सरकार का बड़ा बयान सामने आया है। सरकार ने फोन में इस एप के प्री-इंस्टॉलेशन को जरूरी नहीं बताया है। दूरसंचार मंत्रालय ने एक्स (X) पर एक पोस्ट जारी कर इस एप की प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्यता को हटाने की जानकारी दी है।

मंत्रालय ने एक्स पोस्ट में कहा, “सभी नागरिकों को साइबर सुरक्षा का लाभ देने के उद्देश्य से सरकार ने सभी स्मार्टफोन्स में संचार साथी एप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य किया था। यह एप पूरी तरह सुरक्षित है और इसका मकसद सिर्फ नागरिकों को साइबर दुनिया के अपराधियों से बचाना है… संचार साथी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, सरकार ने मोबाइल निर्माताओं के लिए अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन को हटाने का फैसला लिया है।”

इसके साथ ही कहा गया कि सभी नागरिकों को साइबर सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से, सरकार ने सभी स्मार्टफ़ोन पर संचार साथी ऐप की पूर्व-इंस्टॉलेशन अनिवार्य कर दी थी। यह ऐप सुरक्षित है और पूरी तरह से साइबर दुनिया में मौजूद शरारती तत्वों से नागरिकों की मदद के लिए है।

यह सभी नागरिकों को “जनभागीदारी” में मदद करता है, जिससे वे ऐसी शरारती तत्वों और गतिविधियों की सूचना दे सकें और साथ ही उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा भी कर सकें। ऐप में उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं है और वे जब चाहें ऐप को हटा सकते हैं। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है।

अब तक 1.4 करोड़ उपयोगकर्ता इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं और प्रतिदिन 2000 धोखाधड़ी की घटनाओं की जानकारी देने में योगदान दे रहे हैं। उपयोगकर्ताओं की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है और ऐप को इंस्टॉल करने का आदेश इस प्रक्रिया को तेज़ करने और कम जागरूक नागरिकों तक ऐप को आसानी से पहुँचाने के लिए दिया गया था।

पिछले एक दिन में ही, 6 लाख नागरिकों ने ऐप डाउनलोड करने के लिए पंजीकरण कराया है, जो इसके उपयोग में 10 गुना वृद्धि है। यह सरकार द्वारा प्रदान की गई स्वयं की सुरक्षा के लिए इस ऐप पर नागरिकों के विश्वास की पुष्टि है।

राजनीतिक घमासान-
बता दें कि स्मार्टफोन में एप के प्री-इंस्टॉलेशन को 90 दिनों के भीतर अनिवार्य बनाने के आदेश के बाद विपक्ष ने संसद में कड़ा विरोध दर्ज कराया था। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने दूरसंचार विभाग के निर्देश पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए इसे तानाशाही बताया। विपक्ष के कई नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार फ्रॉड को रोकने के नाम पर नागरिकों की जासूसी करना चाहती है। वहीं, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार का फोन में संचार सारथी एप इंस्टॉल करने का आदेश लोगों की निजता और आजादी पर खुला हमला है।

हालांकि, विपक्ष के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में कहा कि ‘संचार साथी’ एप के जरिए जासूसी बिल्कुल भी संभव नहीं है। यह एप लोगों की सुरक्षा और मदद के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस एप से लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने की सरकार की कोई मंशा नहीं है।

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