Ram Mandir: अयोध्या में भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न देश भर में जारी है, हिंदुओं के साथ ही सभी धर्मों के लोग इसमें शामिल हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच यानी एमआरएम भी श्रीराम लला मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने पर देश भर में जश्न मना रहा है। आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और एमआरएम के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने पीटीआई वीडियो से खास बातचीत में कहा कि अयोध्या में श्रीराम लला मंदिर को लेकर देश ही नहीं, पूरी दुनिया में खुशी का माहौल है।
इंद्रेश कुमार ने मुस्लिम समाज से अपील की कि मथुरा और वाराणसी में विवादित जगहें उन्हें आगे बढ़ कर हिंदू समाज को देकर आपसी भाईचारे की मिसाल कायम करनी चाहिए। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का कहना है कि देश भर से उसके कार्यकर्ता श्रीराम लला मंदिर के दर्शन करने जाएंगे।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक ने कहा कि “जो सबके लिए पोषक हैं, जिसको अपने-अपने खिताब दुनिया के देशों ने दिए हैं. उनका मंदिर बनना भारत के लोगों के लिए, सनातन धर्म के लोगों के लिए ही नहीं, विश्व के जन-जन के लिए बहुत ही सुखद है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता जगह-जगह अपने-अपने तरीके से खुशी जता रहे हैं।इंद्रेश कुमार के मुताबिक सिर्फ अभी नहीं, बल्कि मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के वक्त भी सभी धर्मों के लोगों ने खुशी जाहिर की थी।
उन्होंने कहा कि “500 वर्ष पूर्व विदेशी हमलावरों ने अनेकों जो मंदिर ढाए उसमें उन्होंने राम मंदिर को भी उन्होंने ध्वस्त किया था।इस करीब 500 साल में लगभग 84 से ज्यादा युद्ध हुए, लाखों लोग बलिदान हुए पर एक बात कह सकते हैं कि इस समय में जब निर्णय हुआ सुप्रीम कोर्ट का और वहां मंदिर बनाने का तो मैं देश के सब वासियों को बधाई दूंगा वो किसी भी दल के हो, धर्म के हों, प्रांत के हों सबने खुशियां मनाई। एक भी दुर्घटना नहीं घटी। कोई नफरत नहीं फैली।”
इसके साथ ही कहा कि “स्वाभाविक रूप से जो राम सब के लिए हैं, सब में हैं और सबसे हैं और राम उनका मंदिर बनना, राष्ट्र मंदिर बनना (है)। भारत वो राष्ट्र है, जो सब धर्मों को स्वीकार भी करता है और सम्मान भी करता है। इसलिए इसे (राम मंदिर को) राष्ट्र मंदिर कहना (सही है)। जो राष्ट्रीय होता है, वही मानवीय होता है और इसलिए (राम) मानव मात्र के लिए, प्राणी मात्र के लिए पूजनीय हैं। इसलिए (राम मंदिर) मानवता, प्राणी मात्र के कल्याण का मंदिर है। एक बात का अंतर सबके मन में आना चाहिए वो ये है कि एक वो मुसलमान हैं या ईसाई है या अन्य मतालंबी हैं जो भारत से बाहर के हैं जो उनके पूजा स्थल हैं, उनके पूजा स्थल को तो कभी किसी ने ध्वंस नहीं किया। तो विदेशी हमलावरों ने हमले किए औ पूजा स्थल गिराए और भारत के जिनके धर्म स्थल हैं, उन्हें आगे बढ़कर सुपुर्द कर दें। उन्हें तलाशने की जरूरत नहीं है। सामने दिखाई देता है।”