Navreh Mohatsav: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में कश्मीरी पंडितों ने 35 साल बाद खुले प्राचीन विचारनाग मंदिर में कश्मीरी नववर्ष का पहला दिन ‘नवरेह मोहत्सव’ मनाया, श्रद्धालु फूलों से सजी थालियां लेकर आरती करते नजर आए।
श्रीनगर के एक कश्मीरी पंडित ने कहा कि ये नवरात्रि का पहला दिन है। कश्मीरी पंडितों की तिथियों के मुताबिक, नया साल आज से शुरू होता है। ये यहां (मंदिर में) मनाया जाता था। यह यहां 35 साल बाद फिर से मनाया जा रहा है। कश्मीरी पंडित इस त्योहार को देवी शारिका को समर्पित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
यह कश्मीरी हिंदू कैलेंडर के चैत्र (मार्च-अप्रैल) महीने के शुक्ल पक्ष के पहले दिन होता है। इस पूजा-अर्चना में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी प्राचीन विचारनाग मंदिर में ‘नवरेह मोहत्सव’ में शामिल हुए।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “यह नवरात्रि का पहला दिन है और कश्मीरी पंडितों की तिथि के हिसाब से हमारा साल आज से शुरू होता है यहां पर ही हम पहले मनाते थे माता के वहां खीर भवानी भी जाते थे। मगर यह विचारनाग में आज 35 साल बाद हो रहा है। आज का दिन बहुत ही खास है क्योंकि आज का दिन हम लोगों का नया साल लगता है। आज ही के दिन हमारा नया पंचांग शुरू होता है और आज ही के दिन ही नवरात्रि शुरू होता है तो आज का दिन हमारे लिए बहुत खास है।”