Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या पर गंगा महास्नान के लिए हरिद्वार में उमड़े श्रद्धालु

आज मौनी अमावस्या है। माघ मास में पड़ने के कारण इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। वहीं शनिवार को अमावस्या पड़ने के कारण इस बार की मौनी अमावस्या शनिवारी अमावस्या भी है। इस मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। आपको बता दें कि मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने के लिए देर रात से ही श्रद्धालुओं का हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया था। दूर दूर से श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आये हैं। मौसम खराब होने और भीषण ठंड के बावजूद भी श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा कर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं। इस साल का यह दूसरा महत्वपूर्ण स्नान पर्व है। इसलिए सुबह तड़के से ही हरिद्वार सहित उत्तकराखंड के अन्यह गंगा घाटों पर गंगा स्नातन का दौर जारी रहा।

अन्य राज्यों से श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचे

हरिद्वार में हरकी पैड़ी ब्रह्मा कुंड, मालवीय घाट, नाई सोता, कुशावर्त घाट समेत आसपास के गंगा घाटों पर भोर से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते दिखे। स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा पश्चिमी उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और आसपास के राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचे। इस दौरान माहौल देखते ही बन रहा था। हरकी पैड़ी चारों ओर हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जयकारों से गुंजायमान हो रही थी। वहीं गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु दुग्धाभिषेक, दीपदान कर दान-पुण्य कर रहे हैं। हरिद्वार के मंदिरों में पूजा – अर्चना को भी श्रद्धालुओं की भीड़ है। गंगा स्नान को लेकर हरकी पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था श्री गंगा सभा की ओर से भी सुरक्षा समेत अन्य इंतजाम किए गए हैं।

 

मिलेगी मोक्ष की प्राप्ति

ऐसी मान्यता है कि माघ मास में पड़ने वाली इस मौनी अमावस्या पर दान करने से शनि के दुष्प्रभावों में कमी आती है। शनि की साढ़े साती, ढैय्या या अन्य जन्मजात शनि दोषों की निवृत्ति के लिए इस शनिवारी अमावस्या पर दान करने से अधिक लाभ होगा। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर मां गंगा में स्नान करने और दान करनेसे कष्ट दूर होते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।  माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 21 जनवरी को प्रात: 6 बजकर 17 मिनट सेशुरू हो रही है, जो 22 जनवरी को रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी।

30 वर्ष के बाद दुर्लभ संयोग

  • मौनी अमावस्या पर 30 वर्ष के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है।
  • इस दिन मौन व्रत रखकर स्नान करने से हजारों गुना अधिक पुण्य प्राप्त होता है।
  • इस दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था। इसलिए भी इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है।
  • मौनी अमावस्या पर 30 वर्ष के बाद पड़ रहा दुर्लभ संयोग दान, धर्म और गंगा स्नान के अलावा शनि से पीड़ित व्यक्तियों के लिए खास होगा।
  • शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से खप्पर योग रहेगा।
  • गंगा स्नान के बाद इस दिन गर्म वस्त्र, कंबल, तेल आदि का दान बहुत ही पुण्यकारक माना जाता है।
  • इस दिन पितरों के निमित्त दान, पिंड दान, भोजन, तर्पण आदि करने से पितरों को मुक्ति प्राप्त होती है।
  • साथ ही कुंडली में बन रहे पितृदोष दूर होते हैं।

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