Ladakh: दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई पैंगोंग झील में मैराथन का दूसरा संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, मैराथन में भारत के साथ सात देशों के 120 धावकों ने दो कैटेगरी 21 किमी और 10 किमी में भाग लिया।
यह साहसिक गतिविधि लद्दाख के एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने लद्दाख प्रशासन और 14 कोर भारतीय सेना के सहयोग से करवाई गई, इस दौड़ के पीछे मुख्य उद्देश्य तेजी से पिघल रहे हिमालय के ग्लेशियरों के बारे में जागरूकता फैलाना है। 14,273 फीट की ऊंचाई पर भारी बर्फबारी और माइनस 15 तापमान के बीच आयोजित इस कार्यक्रम में पैंगोंग के आसपास के गांवों मान, मेराक, स्पैंगमिक और फोब्रांग इलाके के लोगों ने भाग लिया।
धावकों का कहना है कि “यह काफी अच्छा इवेंट रहा। इसमें काफी चुनौतियां आये। क्योंकि इसमें स्नोफॉल भी हुआ,सड़कें भी बंद हो गईं। लेकिन उसके बावजूद जो रनस है और खासतौर से जो हमारे लोकल सर्पोट रहा। चाहे इंडियन आर्मी से हो, चाहे लोकल विलेज का सर्पोट हो या यूटी का सर्पोट हो। सबने मिलकर अच्छा काम इसमें।”
इसके साथ ही कहा कि “यूटी एडमिनिस्ट्रेशन, डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और इसको और अच्छा बनाने के लिए हमारे आर्मी ने काफी अच्छा योगदान दिया, इंतजाम किया। सारा इंतजाम चाहे हेल्थ का इंतजाम करना हो, चाहे यहां लॉजिस्टिक इंतजाम करना हो। ये सारा जो है इंडियन आर्मी की ओर से यहां अरेंज किया है। मैं उनको धन्यवाद देना चाहूंगा क्योंकि वे न केवल हमारी रक्षा करते हैं बल्कि सीमा पर कार्यक्रम करने में सभी नागरिकों की मदद भी करते हैं।”