Kashmir: सर्दियों का सबसे कठिन दौर ‘चिल्लई कलां’ शुरू, लोगों की बढ़ी मुश्किलें

Kashmir: कश्मीर में कड़ाके की ठंड का सबसे कठोर दौर ‘चिल्लई कलां’ गुरुवार को शुरू हो गया, कई जगहों पर पारा शून्य से कई डिग्री नीचे चला गया। श्रीनगर शहर में कल रात न्यूनतम तापमान शून्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

तापमान में गिरावट की वजह से कई झीलें, नदी और तालाब जम गए हैं। पानी सप्लाई के पाइपों पर भी बर्फ जम गई है, कड़कड़ाती ठंड से खुद को बचाने के लिए लोगों को अतिरिक्त गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। कश्मीर के कई इलाकों में बिजली की सप्लाई ठीक तरह से न होने से लोग ठंड से बचने के लिए कांगड़ी का सहारा ले रहे हैं।

इस सीजन में बर्फबारी की संभावना सबसे ज्यादा और लगातार होती है, ज्यादातर इलाकों में खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी होती रहती है। फ्लू, खांसी और सर्दी जैसी सामान्य बीमारियों से बचने के लिए लोग घर के अंदर ही ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। जम्मू कश्मीर में सबसे भीषण सर्दी का दौर ‘चिल्लई कलां’ 31 जनवरी को खत्म होगा। हालांकि इसके बाद भी कश्मीर में शीतलहर जारी रहेगी। इस दौरान 20 दिनों तक ‘चिल्लई-खुर्द’ या छोटी ठंड और 10 दिनों तक चलने वाली ‘चिल्लई-बच्चा’ या बेबी कोल्ड होती है।

मौसम विभाग का कहना है कि “ठंड जो है लगभग 2018, 2019 2020 में काफी ज्यादा ठंड रहा है। बीच बीच में कुछ दिन तो माइनस सात डिग्री तक गया है। अभी इस साल का जहां तक का कंडीशन है अभी फिलहाल दिसंबर के अंत तक कोई मेजर स्पेल फिलहाल नहीं है। टेम्परेचर ऑन एन एवरेज 5.4 तक गया है कमिंग डेज में भी माइन्स चार, माइनस पांच, माइनस छह तक जा सकता है। 23 के आसपास फीवल (कमजोर) डब्ल्यूडी (पश्चिमी डिस्टर्बेंस) है जिसके कारण क्लाउडनेस हो सकता है जिसके कारण थोड़ा राहत मिलेगा।”

स्थानीय निवासियों का कहना है कि “हमें एक महीने से यहां कभी माइनस पांच, माइनस चार कभी माइनस तीन ठंड से पूरे परेशान हैं। आज जैसे कि चिल्लई कलां स्टार्ट हुआ है तो अभी और ठंड बढ़ेगा। जैसे नलके जम जाते हैं। टंकियों में पानी है वो जम जाता है। हमें बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। हम हर विंटर में यही कोशिश करते हैं कि फेरन हम ना पहनें लेकिन ऐसी ठंड पड़ती है कि हमें फेरन पहनना ही पड़ता है। उससे बड़ा है कांगड़ी ये जो हाथ में हम पकड़ते हैं ना उसी से गर्मी करते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *