Hyderabad: यूपीए सरकार ने मुंबई हमलों के बाद कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की- एस. जयशंकर

Hyderabad: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दावा किया कि पिछली यूपीए सरकार ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद इस तर्क के साथ “कुछ नहीं करने” का फैसला किया था कि “पाकिस्तान पर हमला न करने की तुलना में उस पर हमला करना ज्यादा महंगा होगा”। भारत को ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बताते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश, दुनिया में अपने मुद्दों और पदों को लेकर भारत पर भरोसा करते हैं।

उन्होंने कहा कि ‘फॉरेन पॉलिसी द इंडिया वे: फ्रॉम डिफिडेंस टू कॉन्फिडेंस’ विषय पर एक सभा को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि देश का उन कुछ देशों के प्रति नैतिक दायित्व है, जो कोलोनिअल रूल के अधीन थे और जितनी जल्दी हो सके उबर नहीं सके, रीबिल्ड नहीं कर सके, जैसा कि भारत ने किया। जयशंकर ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज है जो दुनिया के लगभग 125 देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि ये देश अपने मुद्दों और दुनिया में अपनी पोजीशन को लेकर भारत पर भरोसा करते हैं। ग्लोबल साउथ का मतलब उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित या अविकसित देश के तौर पर जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि भारत के सामने सीमाओं पर कुछ चुनौतियां हैं और उनका बचाव करने की कुंजी सिर्फ सार्वजनिक रूप से पेश आना नहीं है, बल्कि बुनियादी ढांचा बनाना, सेना का समर्थन करना और एक ऐसी प्रणाली बनाना है जो सीमा पर खतरा होने पर उसका जवाब दे। उन्होंने पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि “रक्षात्मक युग” में आतंकवाद को स्वीकार कर लिया गया था।

एस. जयशंकर ने दावा किया कि मुंबई हमले के बाद पिछली यूपीए सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने लिखा कि हमले को लेकर चर्चा की गई और सभी विकल्पों पर विचार भी किया गया और फिर कुछ न करने का फैसला लिया गया। जयशंकर के मुताबिक पूर्व एनएसएस ने ये भी लिखा कि कुछ भी न करने के फैसले का मतलब ये था कि सरकार को लगा कि पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत पाकिस्तान पर हमला न करने की कीमत से ज्यादा है।

एस. जयशंकर, विदेश मंत्री “क्या आप सोच सकते हैं कि हमारी जवाबी नीति में पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत, पाकिस्तान पर हमला न करने की कीमत से कम है? जब बालाकोट हुआ तब मैं सरकार में नहीं था, जब उरी हुआ तब मैं सरकार में था। जब हम लाइन ऑफ कंट्रोल पार करते हैं तो हम आत्मविश्वास से आगे बढ़ते हैं और जब हम सीमा पार करते हैं और बालाकोट पर हमला करने जाते हैं तो हमने फिर से ऐसा ही किया।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *