Farmer Protest: किसानों के मार्च को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, पंजाब के किसान शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के साथ भिड़ गए थे। किसानों ने दिल्ली में घुसने के लिए यहां बैरीकेड्स तोड़ने की कोशिश की थी, उन्हें रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की तरफ से किए गए पथराव में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत 24 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। किसान नेताओं ने कहा कि पुलिस ने उन पर रबर बुलेट भी चलाईं। उनका दावा है कि हरियाणा के अंबाला शहर के करीब शंभू बॉर्डर पर उन पर हुए हमले में 60 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।
पुलिस ने राज्य के जींद जिले में भी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। पुलिस के मुताबिक, दाता सिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर हुई इस झड़प में उनके नौ लोग घायल हो गए। पुलिस के साथ कई घंटों तक चली झड़प के बाद, शाम को किसान नेताओं ने विरोध प्रदर्शन रोक दिया।
आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की मांग है कि केंद्र सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून बनाए और किसानों का लोन माफ करे। ऐसी कई और मांगें मनवाने के लिए किसान संगठन दिल्ली चलो आंदोलन के जरिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने उनके मार्च को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर लगाए गए सीमेंटेड बैरीकेड्स को ट्रैक्टरों के जरिए हटाने और तोड़ने की कोशिश की। किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 15 जिलों में धारा 144 लागू कर, लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
किसान “हम अपने किसान नेता की रणनीतियों के अनुसार काम करेंगे और आगे बढ़ेंगे। हम पूरी तरह से तैयार हैं। हम मुफ्त की रेवड़ियां नहीं अपना हक मांगने के लिए घर से निकले हैं। 2021 में जो विरोध शुरू हुआ, हमने मोदी सरकार से अपना अधिकार मांगा, उन्होंने कानून लागू नहीं किया, अब 2024 है और चुनाव नजदीक हैं, इसलिए उन्हें हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा और आदेश पारित करना होगा।”