ED arrest: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम. के. फैजी को धन शोधन निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया है। एसडीपीआई की स्थापना 2009 में हुई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। इसे पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जोड़ा जाता था, जिसे कुछ साल पहले केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था।
सूत्रों ने बताया कि फैजी को सोमवार रात दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया। कथित तौर पर यह अब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक मोर्चा है। ईडी ने इससे पहले एसडीपीआई को पीएफआई का ‘‘राजनीतिक मोर्चा’’ कहा था। केंद्र सरकार ने पीएफआई को ‘‘गैरकानूनी संगठन’’ बताते हुए सितंबर 2022 में इसे प्रतिबंधित कर दिया था।
प्रतिबंध लगने से पहले ईडी, एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) और विभिन्न राज्य पुलिस बल सहित कई जांच एजेंसियों ने पीएफआई के खिलाफ एक साथ छापे मारे और कार्रवाई की।
एसडीपीआई ने हालांकि पीएफआई से इस तरह के किसी भी संबंध से इनकार किया है और खुद को एक स्वतंत्र संगठन बताया है। एसडीपीआई के अनुसार, फैजी संगठन के संस्थापक नेताओं में से है और 2018 में इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। एसडीपीआई ने अपने पोर्टल पर बताया कि वह एक इस्लामी विद्वान और एक राजनीतिक पर्यवेक्षक है जिसने 1980 के दशक में मस्जिद के इमाम के रूप में काम किया था।
जांच एजेंसियों के अधिकारियों के अनुसार, संगठन का केरल एवं कर्नाटक और कुछ अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों के विभिन्न इलाकों में ‘‘मजबूत’’ प्रभाव है। ईडी ने 2022 में पीएफआई के खिलाफ अपनी जांच के तहत फैजी का संबंध केरल स्थित पीएफआई नेता अब्दुल रजाक बीपी से जोड़ा था। अब्दुल रजाक बीपी पर आरोप है कि उसने अपने (रजाक के) संगठन के लिए धन जुटाने की गतिविधियों के तहत एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष को दो लाख रुपये ‘‘हस्तांतरित’’ किए थे।