Dussehra 2023: ओडिशा के जगदलपुर का दशहरा कई मायनों में अनोखा है, करीब 75 दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार भारत में सबसे लंबे तक मनाया जाने वाला दशहरा है। सामान्य दशहरा त्योहारों के विपरीत यहां रावण पर भगवान राम की जीत का त्योहार नहीं मनाया जाता, बल्कि यहां की स्थानीय देवी दंतेश्वरी देवी की पूजा का जाती है और उन्हें बस्तर की सर्वोच्च देवी माना जाता है।
बस्तर दशहरा लंबे समय से यहां की सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा रहा है। स्थानीय आदिवासी समुदायों और दूसरे लोग काफी उत्साह से ये त्योहार मनाते हैं। दूसरी जगहों से लोग यहां की परंपराओं और रीति-रिवाजों की जानकारी के लिए आते हैं। बस्तर के दशहरा का एक मुख्य आकर्षण देवी की मूर्ति का भव्य जुलूस है, मूर्ति के साथ जुलूस अलग-अलग गांवों में जाता है। माना जाता है कि रास्ते भर देवी लोगों को आशीर्वाद देती हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “यह हमारे बस्तर की बहुत लोकप्रिय संस्कृति है, जो 610 साल से चली आ रही है। इसमें ये प्रथा बस्तर के हमारे काकतीय राजवंश की तरफ से चलाई गई थी। ये आज भी हमारे बस्तर के लिए बहुत गर्व की बात होती है। लोगों का कहना है कि त्योहार कब से मनाया जा रहा है, कहना मुश्किल है। फिर भी इसकी उम्र 500 साल से ज्यादा आंकी गई है।
Dussehra 2023:
जानकारी के अनुसार “इसकी सबसे खूबसूरत बात यह है कि जो दशहर बस्तर में मनता है वहां पर रावण को नहीं जलाते हैं, वहां हम दंतेश्वरी मां की पूजा की जाती है। यहां भक्त जिन पर बहुत ज्यादा श्रद्धा रखते हैं, वो मां दंतेश्वरी और हम नौ-10 दिन उनकी पूजा करते हैं। उसके लिए यहां पर रथ यात्रा होती है और ये त्योहार आखिरी दिन रथ की चोरी की जाती है, जो यहां की सबसे खूबसूरत बात है। रथ को चुराकर ले जाते हैं और अगले दिन शाम को लेकर आते हैं।”