Durga Ashtami: देशभर में आज दुर्गा अष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है, हिंदू धर्म में नवरात्रों का विशेष महत्व है और नवरात्रों में पड़ने वाली दुर्गा अष्टमी पर माता के मंदिरों में दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु का तांता लगा रहता है। यूं तो सिद्धपीठ और शक्तिपीठ की भूमि कहे जाने वाली धर्मनगरी हरिद्वार में माँ दुर्गा के अनेक मंदिर है। इन्ही मंदिरों में से एक है यहां का प्रख्यात माँ चंडी देवी का मंदिर।
हरिद्वार के नील पर्वत पर स्थित चंडी देवी मंदिर में माँ भगवती खम्ब रूप में विराजमान हैं। पावन नवरात्रों में अष्टमी, नवमी और चतुर्दशी अर्थात चंडी चौदस ये भगवती को अति प्रिय हैं। आज दुर्गा अष्टमी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। प्राचीन काल से मां चंडी देवी अपने भक्तों का कल्याण करती चली आ रही हैं।
मान्यता है कि जो कोई भी भक्त सच्चे मन से कोई भी मुराद मांगता है, माँ चंडी उस मुराद को जरूर पूरा करती है। अपनी मुराद पूरी करने के लिए मंदिर परिसर में माता की चुनरी बांधने की मान्यता है। मुराद पूरी होने पर भक्त चुनरी खोलने के लिए दोबारा मंदिर आते है।
Durga Ashtami:
यही कारण है की नवरात्रों के दौरान यहां पर दूर दूर से आने वाले भक्तों की लम्बी लम्बी कतारे नजर आती है। पावन नवरात्रों में मंदिर की छठा अलग ही देखने को मिल रही है। नील पर्वत पर स्थित चंडी देवी मंदिर पहुँचने वाले भक्त कई किलोमीटर पैदल चल कर कठिन चढ़ाई को पार करके माँ के दरबार तक पंहुचते है वहीं कुछ श्रद्धालु उड़न खटोले यानी रोप-वे का सहारा लेकर भी पहुंचते हैं।