Delhi: सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही 16 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राज्यसभा के सभापति हैं, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने जगदीप धनखड़ पर “पक्षपात” करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने के लिए प्रस्ताव लाने का नोटिस सौंपा है।
पहले के सत्र के दौरान, कई सत्तारूढ़ सांसदों ने कांग्रेस नेताओं पर धनखड़ का अपमान करने का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि विपक्षी दल किसान के बेटे का अपमान कर रहे हैं। हंगामे के बीच जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने के लिए मंच दिया, मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि सभापति सत्ता पक्ष के सांसदों को ज्यादा समय दे रहे हैं।
जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खरगे और सदन के नेता जे.पी.नड्डा दोनों से दिन के आखिर में सभापति कक्ष में उनसे मिलने के लिए कहा ताकि 16 दिसंबर तक कार्यवाही स्थगित करने से पहले सदन में गतिरोध समाप्त किया जा सके। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि “बहुत ही विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि हमें गर्व है कि हमारा नेता विरोध दल सिर्फ दलित का बेटा नहीं, किसान भी है। मैं कहना चाहता हूं आपसे, बहुत साफ कहना चाहता हूं कि आज शर्मिंदा होंगे संविधान बनाने वाले कि रूलिंग पार्टी अडाणी के साथ है…”
राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनकड़ ने कहा कि “प्रमोद तिवारी जी, ध्यान रखिए। पूरे दिन चौबीसों घंटे आपका यही काम है। और मान कर चलिए। किसान का बेटा हूं। कमजोरी नहीं दिखाउंगा। देश के लिए मर जाउंगा, मिट जाउंगा। आप लोग चिंतन नहीं करेंगे। चौबीसों घंटे एक ही काम है कि किसान का बेटा यहां क्यों बैठा है। मैं आंखों से देख रहा हूं। पीड़ा महसूस कर रहा हूं। मेहरबानी करके सोचिए। मैंने इज्जत देने में कोई कमी नहीं रखी है। मैंने बहुत बर्दाश्त किया है।
इसके साथ ही कहा कि आज का किसान खेत तक सीमित नहीं है, आज का किसान हर जगह कार्यरत है। सरकारी नौकरी में है। उद्योग में है। आप प्रस्ताव लाए? आपका अधिकार है। प्रस्ताव पर चर्चा हो, आपका अधिकार है। पर आपने क्या किया? संविधान की धज्जियां उड़ा दीं। किसने रोका प्रस्ताव को? आपके यहां से बयान जारी होता है कि हमारे प्रस्ताव पर क्या हुआ? अरे कानून पढ़िए। आपका प्रस्ताव आगे गया। 14 दिन बाद आएगा।”