Baisakhi: 12,000 फीट की ऊंचाई पर नाग बैसाखी मनाने सुबर-नाग मंदिर पहुंचे श्रद्धालु

Baisakhi: कड़ाके की सर्दी के बाद वसंत के मौसम का स्वागत करने के लिए, हजारों नाग भक्त जम्मू कश्मीर के बद्रवाह के प्राचीन सुबर-नाग मंदिर में नाग बैसाखी मनाने के लिए इकट्ठा हुए। 12,000 फीट की ऊंचाई पर बने 1,600 साल पुराने इस मंदिर के कपाट शुक्रवार को पारंपरिक समारोह के लिए खोल दिए गए।

सदियों पुराना ये त्योहार भद्रवाह की प्राचीन नागा संस्कृति का प्रतीक है। इसे देश का पहला बैसाखी त्योहार माना जाता है। राज्य और देश के दूसरे हिस्सों में वसंत उत्सव शनिवार को मनाया जाएगा। सैकड़ों श्रद्धालु अपने भगवान सुबर नाग के दर्शन करने के लिए 12 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरे पहाड़ी घास के मैदान में इकट्ठा हुए।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 7,500 महिलाओं सहित 12,500 श्रद्धालुओं ने प्राचीन मंदिर का दौरा किया। मुख्य पुजारी ने बताया कि “1600-1700 साल पुराना प्राचीन मंदिर है और यहां पे आज बैसाखी के, 12 अप्रैल को हमारा यहां पर मेला होता है और इस मेले के बाद भारत में जितने भी मेले होते हैं, तो आज के बाद बैसाखी के जितने मेल हैं वो शुरू होंगे। इसके साथ ही श्रद्धालुओं का कहना है कि “फ्रेंड्स के साथ, रिलेटिव्स के साथ और बहुत मजा आता है, सर्दियों के बाद हमें जोश आता है चलने का, जैसे कि सर्दी में हमेशा कंबल में रहते हैं हर टाइम, उसके बाद हमें अच्छा लगता है यहां आकर, दर्शन भी हो जाते हैं, पॉजिटिविटी भी आती है, सब कुछ। आज हम यहां सुबार नाग जी के मंदिर आए हैं और यहां से मतलब 12 से जो होता है बैसाखी का मेला स्टार्ट होता है, ये अप्रैल के महीने में होता है और हमें यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है, मैं तो फर्स्ट टाइम आई हूं, मेरी एक्सपीरियंस तो यहां बहुत अच्छा रहा और हमने अभी दर्शन करने हैं, हम लाइन में खड़े हैं, दर्शन होंगे और बाकी अभी यहां पर रश भी बहुत है और सारे श्रद्धालु बहुत मन से आए हैं।”

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