नफरत भरे भाषणों, गिरजाघरों में तोड़फोड़ को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने भाजपा शासित राज्यों में गिरजाघरों पर हुए हमलों के बाद केंद्र पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा, हरिद्वार में घृणास्पद भाषण, चर्चों  पर हमले, धर्म के नाम पर हत्याएं, ये सभी समाज और राज्य के पतन के उन्नत लक्षण हैं। हिंदुत्ववादी बर्बरता फैला रहे हैं। भारत इस बात का उदाहरण बन रहा है कि जब संस्थान विफल हो जाते हैं तो लोकतंत्र कितनी जल्दी ढह सकता है।

हरिद्वार में अभद्र भाषा का जिक्र करते हुए पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने भी प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा जब पीएम ने लोगों को ईसा मसीह की शिक्षाओं को याद करने के लिए प्रोत्साहित किया, हरियाणा के एक निजी स्कूल में बदमाशों ने क्रिसमस के कार्यक्रम में खलल डाला, कौन हैं ये बदमाश? रिपोर्ट्स कहती हैं कि उन्होंने जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाए।

चिदंबरम ने रविवार को कहा अगले दिन, असम में एक चर्च सेवा बाधित हो गई थी। उपदेशों के बजाय पीएम को हरियाणा और असम की भाजपा सरकारों को उपद्रवियों की पहचान करने और उन्हें कानून की अदालत के सामने लाने का निर्देश देना चाहिए। उन्हें हिंदुत्व ब्रिगेड को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। इस बीच छत्तीसगढ़ पुलिस ने महात्मा गांधी पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने और नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के लिए हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

रायपुर के पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे की शिकायत पर पुलिस ने टिकरापारा थाने में आईपीसी की धारा 505(2), 294 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। रविवार (26 दिसंबर) को रायपुर में धर्म संसद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। राज्य सरकार की यह कार्रवाई हरिद्वार के उस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें भड़काऊ भाषण दिए गए थे। रायपुर में कार्यक्रम रावनभाटा में आयोजित किया गया था जिसमें संत कालीचरण महाराज पर महात्मा गांधी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने और गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को सही ठहराने का आरोप है।

हरिद्वार की घटना 17 से 20 दिसंबर के एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। वीडियो क्लिपिंग सोशल मीडिया पर प्रसारित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि हिंदुओं को म्यांमार में देखे गए लोगों की तरह खुद को हथियार बनाना चाहिए, हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और सफाई अभियान चलाना चाहिए। तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन एक विवादास्पद धार्मिक नेता यती नरसिम्हनंद द्वारा किया गया था, जिन पर अतीत में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

(आईएएनएस)

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