Ujjain: महाकाल के गर्भगृह में 11 कलशों की गलंतिका बांधी, जानें मान्यता

Ujjain: महाकाल मंदिर के गर्भगृह में वैशाख कृष्ण प्रतिपदा पर 11 मिट्टी के ‎कलशों की गलंतिका बांधी गई। कलशों पर नदियों के नाम गंगा, ‎सिंधु, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, ‎कावेरी, सरयु, शिप्रा, गंडकी, बेतवा अंकित किए गए हैं।

वैशाख और ज्येष्ठ माह में‎ गर्मी चरम पर होती है, ऐसे में गलंतिका के माध्यम से 22 जून तक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर ‎सतत शीतल जलधारा प्रवाहित की‎ जाएगी। दो महीने तक हर दिन भस्‍म आरती के बाद सुबह 6 बजे से‎ संध्या कालीन पूजन तक गलंतिका बंधी रहेगी।

शीतलता के लिए बांधी जाती है गलंतिका:

मंदिर के‎ पुजारी ने बताया कि समुद्र‎ मंथन के समय भगवान शिव ने गरल ‎(विष) पान किया था, गरल अग्निशमन ‎करने के लिए ही आदिदेव सदाशिव‎ का जलाभिषेक किया जाता है। गर्मी‎ के दिनों में गर्मी और भी बढ़ जाती है, इसलिए वैशाख‎ और ज्येष्ठ मास में भगवान को ‎शीतलता प्रदान करने के लिए मिट्टी ‎के कलश से ठंडे पानी की जलधारा‎ प्रवाहित की जाती है, इसको ‎गलंतिका कहते हैं।‎

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